Union Budget 2023 इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ऐसे व्यापारी जिनका पूंजी निवेश 10 करोड़ से कम एवं टर्नओवर 50 करोड़ से कम है और जो एमएसएमई के रूप में पंजीकृत हैं। उनके लिए यह बजट काफी लाभकारी है। आयकर की धारा 43बी में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार ऐसे व्यापारी को देय राशि का भुगतान तय समय पर करने पर ही व्यक्ति को उक्त राशि की छूट आयकर रिटर्न में प्राप्त होगी। फलस्वरूप समय पर भुगतान नहीं करने वाले व्यापारी का आयकर दायित्व बढ़ जाएगा। इस प्रस्ताव से एमएसएमई में पंजीकृत व्यापारियों को व्यापारिक भुगतान समय पर मिलने लगेगा। उनके पास कैश फ्लो रहेगा। उनको कम पूंजी की आवश्यकता रहेगी एवं ब्याज के भार में भी कमी आएगी।
सीए गोविंद अग्रवाल ने बताया कि वित्तमंत्री द्वारा दो वर्ष पूर्व आयकर में नई स्कीम लागू की गई थी। इस बजट में उसे आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है। वित्तमंत्री द्वारा बजट में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर योग्य आय सात लाख तक होने पर आयकर के दायित्व से मुक्त रखने सबंधी प्रस्ताव केवल उन्हीं करदाताओं को मिलेगा जो आयकर की नई स्कीम का विकल्प चुनते हैं। लेकिन ऐसे करदाताओं को आयकर की विभिन्न धाराओं में मिलने वाली छूट जैसे जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, मेडिक्लेम प्रीमियम आदि का लाभ नहीं मिलेगा। आयकर में पुरानी स्कीम का विकल्प चुनने वाले व्यक्तियों के लिए आयकर की न्यूनतम छूट सीमा एवं टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उन्हें बढ़ाई गई सात लाख की लिमिट का फायदा नहीं मिलेगा।
Posted By: Sameer Deshpande
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