Budget 2023: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बजट में आयकर अपील के मामलों को खत्म करने की दिशा में कदम उठाया गया है। छोटे मामले ज्वाइंट कमिश्नर को सौंपे जाएंगे। दिक्कत यह है कि कई छोटे मामले ऐसे भी होते हैं जिनमें विधि का प्रश्न होता है। बजट में आयकर को लेकर भी कई संशोधन हैं। उम्मीद की जाना चाहिए कि इसके बाद आयकर रिटर्न जमा करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। हो सकता है भविष्य में आपको रिटर्न भरने के लिए बार-बार जानकार के पास आने जाने की जरूर ही न पड़े।
यह बात कंफीडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) के सदस्यों ने कही। उन्होंने बजट-2023 पर आयोजित परिचर्चा में अपने विचार रखे। ज्यादातर ने बजट को सकारात्मक बताया। सदस्यों ई-गोल्ड स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित ही इससे अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा।
सबको खुश रखना संभव नहीं
इस बार का बजट बहुत सकारात्मक है। लंबे अंतराल के लिए देखेंगे तो इसके कई फायदे नजर आएंगे। अब तक व्यक्ति अपना ही पैसा अपने पर खर्च नहीं कर पाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सबको खुश रखना संभव नहीं है। कुछ कमियां तो हमेशा रहती हैं लेकिन जिस हिसाब से बजट तैयार किया गया है उसे देखें तो इसका फायदा शार्ट टर्म में भले ही न मिले लेकिन लंबे समय में यह फायदेमंद साबित होगा। कुछ अच्छा करने के लिए कड़े निर्णय लेना ही पड़ते हैं। निश्चित ही अगले 25 वर्ष में भारत विश्वगुरू बन सकता है।
- सुनील अग्रवाल, चार्टेड अकाउंटेंट
आयकर विभाग पहले ही निकाल लेता है जानकारी
सरकार का फोकस इस बार डिजीटल पर रहा है। अब आयकर विभाग अलग-अलग सोर्स से जानकारी पहले ही अपने पास सहेज लेता है और व्यक्ति को बताया जाता है कि वह रिटर्न भर दे। सरकार को पता होता है कि व्यक्ति ने अपने बेटे को कहां से शिक्षा दिलवाई है। कब उसने विदेश यात्रा के लिए टिकट बुक किया है और कहां से इलाज करवाया है। जब व्यक्ति रिटर्न भरते वक्त ही यह सब जानकारी दे देगा तो उसे कोई दिक्कत नहीं होगी। जो नहीं देंगे उन्हें पेनल्टी भुगतना होगी। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
- सुदीप कुमार गुप्ता, अकाउंटेंट मेंबर (एमपीसीटीएबी)
छूट लेंगे तो नहीं मिलेगा सात लाख का फायदा
पांच से सात लाख करने का कोई बड़ा फायदा नहीं मिलेगा। जो छूट का लाभ नहीं लेंगे उन्हें ही सात लाख का फायदा मिलेगा लेकिन ज्यादातर लोग छूट का लाभ लेना चाहते हैं। उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा। बजट में महिलाओं के लिए जो योजना लाई गई है उसमें स्पष्ट नहीं है कि जो साढ़े सात प्रतिशत ब्याज मिलेगा उस पर आयकर लगेगा या नहीं। अगर कर लगेगा तो फिर क्या फायदा। पहले ही से कई बैंक एफडी पर आठ प्रतिशत ब्याज दे रही हैं तो फिर कोई नई स्कीम में निवेश क्यों करेगा।
- मनीष डाफरिया, सीए
सोने के आयत पर नहीं मिली राहत
बजट में कृषि, पर्यटन और स्टार्टअप पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। सोने के आयात पर छूट मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टैक्स प्रणाली में बदलाव किया गया है। इससे सात लाख रुपये तक की आय वालों को आयकर में छूट दी है। पुरानी टैक्स प्रणाली में आपको अधिक टैक्स देना पड़ता है लेकिन उस प्रणाली में अापको कई छूट मिलती थी जबकि नई टैक्स प्रणाली में कम टैक्स देना होगा लेकिन इस प्रणाली में आपको अन्य छूट छोड़नी पड़ेगी।
- अनुभा आनंद, पैनलिस्ट सदस्य सीआईआई
छुपा सोना सामने आएगा
ई-गोल्ड स्कीम लागू करने से देश में छुपा सोना सामने आएगा। भारत में 31 मिलियन मैट्रिक टन से अधिक सोना है। अधिकारी और अनाधिकारिक दोनों तरह के सोने को जोड़ दें तो हम सोने के मामले में अमेरिका से भी आगे हैं। सरकार इस अनाधिकारी सोने को मुख्य धारा में लाना चाहती है। इससे वो सोना जो कालेधन के रूप में दबा है वह बाहर आएगा। अगर आपके पास सोने का रिकार्ड होगा तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन अगर रिकार्ड नहीं है तो आपको कर देना पड़ेगा।
- डा. मनमिंदर सिंह, अर्थशास्त्री
शिक्षा का बजट बढ़ाया जाना था
कृषि सेक्टर के लिए बजट में सबसे ज्यादा घोषणाएं की गई हैं। जैसा की सरकार का उद्देश्य है सबका साथ समग्र विकास इसे पूरा करने के लिए सरकार ने घोषणाएं की हैं। बडे बदलाव के लिए ये जरूरी भी है। हालांकि शिक्षा विभाग और टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए कुछ विशेष नहीं दिया गया। पिछले कई वर्षों से भारत में शिक्षा के लिए बजट का जो प्रविधान तीन प्रतिशत के आसपास ही रहता है। इससे आगे नहीं बढ़ता जबकि इसको छह प्रतिशत तक बढ़ाना चाहिए।
- रिंकू जोशी- प्रिंसिपल, डेली कालेज बिजिनेस स्कूल
कृषि सेक्टर को लेकर की कई घोषणाएं
इस बार बजट की शुरुआत ही कृषि क्षेत्र से की गई। सरकार अधोसंरचना, विकास और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में जो भी बदलाव करना चाहती है उन विषयों को बजट में शामिल किया है। बजट में गुणवत्ता रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है। अगर कृषि सेक्टर में बदलाव आएंगे तो निश्चित ही इससे विकास को गति मिलेगी।
- सौरभ मेहता- चेयरमैन सीआइआइ मालवा जोन
Posted By: Sameer Deshpande
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