Budget 2023: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। फेडरेशन आफ इंडियन चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के विशेषज्ञ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से संतुष्ट नजर आए। मोटे तौर पर बजट मध्यमवर्ग और किसानों की ओर झुका नजर आया लेकिन उद्योगों से जुड़े फिक्की के चेहरे बजट प्रस्तावों से नाखुश नहीं थे। कैपिटल एक्सपेंडिचर में 33 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी। प्रधानमंत्री आवास योजना की पूंजी में बढ़ोतरी और रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ का प्रविधान ऐसी घोषणाएं रही जिस पर इंडस्ट्री से जुड़े चेहरों पर मुस्कुराहट बिखरती दिखी।
फिक्की फ्लो ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण का होटल रेडीसन का रियल टाइम विश्लेषण किया। वित्त मंत्री के बजट भाषण को सुनने और विश्लेषण के लिए फिक्की की उद्यमी महिलाओं के साथ अकाउंटिंग, टैक्स सलाहकार फर्म बीडीओ और एनजीसी ग्रुप इंडिया के विशेषज्ञ मौजूद थे। बजट भाषण के बाद बीडीओ के अभिषेक आनंद और आशीष गंगराड़े ने कुल घोषणाओं का विश्लेषण करते हुए कहा कि सरकार का बजट सही दिशा में जा रहा है। बजट भाषण से यह प्रतीत हो रहा है। सरकार सकल घाटेे को कम करना चाहती है। दो वर्षों में घाटे को जीडीपी का 4.5 प्रतिशत तक सीमित करना बड़ा और सकारात्मक लक्ष्य है।
ग्रीन ग्रोथ, कृषि, डिजिटाइजेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सूक्ष्म एंव लघु उद्योगों के लिए भी घोषणाओं को जगह मिली। हालांकि बीते वर्षों में जीएसटी को लेकर व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा परेशानी महसूस कर रहा है। जीएसटी को कर पूरे भाषण में वित्त मंत्री ने कुछ भी नहीं कहा। जीएसटी पर वित्तमंत्री और सरकार की खामोशी से चर्चा में शामिल हुए जीएफआइडी से अध्यक्ष दीपक भंडारी भी नाखुश दिखे। हालांकि उन्होंने बजट को प्रगतिशील बताते हुए कहा कि सरकार के पास ताजा स्थिति में करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था।
डिजिटल लायब्रेरी अनोखी पहल
इस बजट में सबसे अनोखी बात रही नेशनल डिजिटल लायब्रेरी का ऐलान। यह अनोखा और नई पीढ़ी को दिशा देने वाला बेहतरीन कदम है। अमृतकाल का बजट नाम के अनुरूप नजर आ रहा है। ग्रीन एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एमएसएमई, मध्यम वर्ग सभी के लिए कुछ न कुछ है। स्टार्टअप के लिए राहत जारी रखने और छूट की अवधि बढ़ाने की घोषणा है। ऐसे उद्यम जो कोविड काल के दौर में खड़े हुए थे उन उद्यमियों को आगे बढ़ने का मौका मिल सकेगा। बजट को मैं दस में से दस अंक देती हूं।
- पायल अग्रवाल, चेयरमैन फिक्की फ्लो, इंदौर
प्लास्टर्ड बजट है
निर्माण क्षेत्र के उद्योगों को ज्यादा राहत की दरकार थी।आयात शुल्क जैसे मसलों पर ध्यान देने की जरुरत थी। बजट को सिर्फ पर्सनल टैक्स के आसपास केंद्रीत कर दिया गया है।कृषि उपज पर भी कोई बड़ी घोषणा नहीं है। जबकि मिलेट्स को सिर्फ वित्तमंत्री ने टच किया है। रिसर्च इंस्टिट्यूट की घोषणा की लेकिन इनकी फसलों और फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए कोई घोषणा नहीं है। डिजिटल पेमेंट को लेकर घोषणा हुई लेकिन डिजिटल फ्राड्स को रोकने के लिए भी उपायों की जरुरत है।मेरी नजर में प्लास्टर्ड बजट है।
- ज्योति गर्ग, डायरेक्टर गेरान फूड्स
संतुष्टीदायक बजट है
कैपेक्स मेें 33 प्रतिशत की भारीभरकम वृद्धि अर्थव्यवस्था और विकास को गति देगी। इससे निश्चित तौर पर रोजगार भी सृजित होगा। स्टार्टअप को उनके घाटे को कैरीफारवर्ड करने की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव काफी अच्छा है। स्टार्ट अप को टैक्स में छूट मिलती रहेगी। ऐसे नव उद्यमी और नए उद्योग खड़े हो सकेंगे।महिलाओं के बचत योजना का प्रविधान भी काफी अच्छा है।
- राशि मंत्री, चार्टर्ड अकाउंटेंट
दस में से आठ अंक
कार्पोरेट टैक्स के हिस्से में बजट से उद्योगों को कुछ खास नहीं मिला है। हालांकि लिथियम आयन बैटरी और ग्रीन एनर्जी पर सरकार का जोर कहीं न कही आटोमोबिल उद्योगों के लिए राहत के साथ तरक्की वाला रास्ता खोलेगा। देखना यह होगा कि इलैक्ट्रिक व्हीकल का दौर कितना लंबा होता क्योंकि आगे हाइड्रोजन सेल की बात होने लगी है। हालांकि कुल मिलाकर बजट अच्छा है। मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी इससे बाजार में पैसा आएगा। मैं दस में से 8 अंक देती हूं।
- रश्मि आर गजरा, उद्योगपति
सकारात्म असर होगा
बजट सकारात्मक है महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है। नर्सिंग कालेज खोलने की घोषणा सीधे तौर पर महिलाओं और स्वास्थ्य क्षेत्र को लाभ देगी। क्रेडिट गारंटी में फंड बढ़ाना भी अच्छा निर्णय है। स्टार्ट-अप पालिसी को भी मजबूत किया गया है। बजट का असर होगा कि उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा तो सीधे तौर पर रोजगार भी बढ़ेंगे। भविष्य की ग्रोथ का ध्यान रखा गया है।
- जयश्री नायर, डायरेक्टर एएनजीसी
आइटी सेक्टर के लिए तेज वृद्धि
बजट में आइटी सेक्टर के लिए तेज वृद्धि नजर आ रही है। दरअसल सरकार ने जो डिजिटल इंडिया, आर्टिफिशियल इंटेेलीजेेंस और सेज को लेकर घोषणाएं की है वे सीधे तौर पर आइटी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाली है। स्टार्टअप को राहत का ऐलान भी नई आइटी कंपनियों को खड़ा होने में मदद करेगा। आइटी क्षेत्र अपने लिए अलग से कोई छूट नहीं चाहता बस देश में स्किल्ड लोगों को चाहता है। सरकार ने बजट में स्किल युवाओं को तैयार करने पर ध्यान दिया है। यह भी आइटी उद्योग के लिए इंसेटिव की तरह की है।
- नरेंद्र सेन, सीईओ रैक बैंक
Posted By: Sameer Deshpande
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