Inflation Increase : अक्टूबर महीने में एक ओर कारोबार बढ़ा, दुकानें खुलीं और कोरोना का असर कम हुआ, तो दूसरी ओर खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में बढ़ोतरी हुई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.48 फीसदी पहुंच गई। इससे पहले सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 4.35 प्रतिशत थी। ये मामूली बढ़ोतरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी के कारण हुई। नेशनल स्टैटिस्टकल ऑफिस (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में खाद्य पदार्थों करीब 0.85 पर्सेंट महंगे हुए, जबकि इसके पिछले महीने में यह दर 0.85 पर्सेंट थी। वैसे, एक साल पहले यानी अक्टूबर 2020 में, खुदरा महंगाई दर 7.61 प्रतिशत थी।

बता दें कि खुदरा महंगाई दर को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index, CPI) के जरिए मापा जाता है। और, खुदरा महंगाई दर (CPI) लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक के 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत के कम्फर्ट जोन के भीतर रही है। RBI ने 2026 तक महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने का लक्ष्य रखा है। इसमें 2 फीसदी कम और ज्यादा का मार्जिन दिया गया है। भारत सरकार ने आरबीआई से कहा था कि वह मार्च 2026 तक पांच साल के लिए खुदरा मुद्रास्फीति दर को चार प्रतिशत पर दो प्रतिशत के ऊपरी और निचले मार्जिन के साथ बनाए रखे।

मंत्रालय ने बताया कि ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर अधिक बढ़ी। ग्रामीण इलाकों में जहां खुदरा महंगाई दर 4.07 पर्सेंट रहा, वहीं शहरी इलाकों में यह 5.04 पर्सेंट रहा। इस तरह पूरे देश में खुदरा महंगाई दर 4.48 रही। RBI ने मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर के 5.3 पर्सेंट पर रहने का अनुमान जताया है, जबकि उसने दूसरी तिमाही में इसके 5.1 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया था। RBI के अनुमानों के मुताबिक, तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 4.5 पर्सेंट और चौथी तिमाही में 5.8 पर्सेंट रहा सकता है।

Posted By: Shailendra Kumar

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