
बिजनेस डेस्क। हिंदुजा समूह के चेयरमैन और भारतीय मूल के अरबपति उद्योगपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का बुधवार को लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनकी उम्र 85 वर्ष थी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
गोपीचंद हिंदुजा चार हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े थे और व्यापारिक जगत में उन्हें स्नेहपूर्वक ‘जी.पी.’ के नाम से जाना जाता था। उनके परिवार में पत्नी सुनीता, पुत्र संजय और धीरज, तथा पुत्री रीता हैं। मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद गोपीचंद ने हिंदुजा समूह की कमान संभाली थी।
गोपीचंद हिंदुजा का जन्म 1940 में भारत में हुआ था। उन्होंने 1959 में मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक किया था। इसके बाद उन्हें वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि और रिचमंड कॉलेज, लंदन से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की मानद डिग्री प्रदान की गई। उन्होंने हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड के चेयरमैन के रूप में कार्य किया और समूह को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
हिंदुजा परिवार के व्यावसायिक सफर की शुरुआत 1914 में गोपीचंद के पिता परमानंद हिंदुजा ने की थी। इसके बाद गोपीचंद और उनके भाई श्रीचंद ने इस कारोबार को विस्तार दिया और इसे एक बहुराष्ट्रीय साम्राज्य में बदल दिया।
यूके की संडे टाइम्स रिच लिस्ट के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा लगातार सात वर्षों तक यूनाइटेड किंगडम के सबसे अमीर व्यक्ति रहे। 2024 की सूची में हिंदुजा परिवार की संपत्ति का अनुमान 32.3 बिलियन पाउंड लगाया गया था।
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हिंदुजा समूह आज 11 प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार करता है जिनमें ऑटोमोटिव, बैंकिंग और वित्त, आईटी, स्वास्थ्य सेवा, रियल एस्टेट, बिजली, तथा मीडिया एवं मनोरंजन शामिल हैं। समूह की प्रमुख कंपनियों में अशोक लीलैंड, इंडसइंड बैंक और नेक्स्टडिजिटल लिमिटेड जैसे ब्रांड शामिल हैं। गोपीचंद हिंदुजा का योगदान न केवल हिंदुजा समूह बल्कि भारत और ब्रिटेन के आर्थिक जगत के लिए भी अमूल्य माना जाता है।