
डिजिटल डेस्क। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए चांदी पर भी लोन की सुविधा देने की अनुमति दे दी है, बिल्कुल उसी तरह जैसे गोल्ड लोन दिया जाता है। इसके लिए RBI ने Gold and Silver (Loans) Directions, 2025 जारी किए हैं, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। नई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि कौन संस्थान लोन दे सकेंगे, कितनी मात्रा में सोना या चांदी गिरवी रखी जा सकती है और लोन की अधिकतम सीमा क्या होगी। यह कदम ग्रामीण और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
कौन दे सकेंगे चांदी पर लोन?
RBI के नए नियमों के अनुसार अब ये संस्थान सिल्वर लोन देंगे:
सभी कॉमर्शियल बैंक (जिसमें स्मॉल फाइनेंस और रीजनल रूरल बैंक शामिल हैं)
अर्बन और रूरल को-ऑपरेटिव बैंक
NBFCs और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां
किन वस्तुओं पर मिलेगा लोन?
सोने के गहने: अधिकतम 1 किलो
चांदी के गहने: अधिकतम 10 किलो
गोल्ड कॉइन: अधिकतम 50 ग्राम
सिल्वर कॉइन: अधिकतम 500 ग्राम
ध्यान रहे कि शुद्ध बुलियन (सोना/चांदी), गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड पर लोन नहीं मिलेगा।
कितना मिलेगा लोन (Loan-to-Value Ratio)
2.5 लाख रुपए तक के लोन पर 85% तक
2.5 से 5 लाख रुपए तक के लोन पर 80% तक
5 लाख रुपए से ऊपर के लोन पर 75% तक
उदाहरण: अगर आपके पास 1 लाख रुपए की चांदी है तो आपको 85,000 रुपए तक लोन मिल सकता है।
कीमत कैसे तय होगी?
बैंक या NBFC, पिछले 30 दिनों की औसत क्लोजिंग प्राइस या पिछले दिन की कीमत जो कम हो उसे मानक मानेंगे। ये दरें IBJA या मान्यता प्राप्त कमोडिटी एक्सचेंज से ली जाएंगी।
लोन की प्रक्रिया और सुरक्षा
मूल्यांकन ग्राहक की मौजूदगी में होगा।
सभी दस्तावेज ग्राहक की स्थानीय भाषा में मिलेंगे।
ज्वैलरी बैंक के सुरक्षित वॉल्ट में रखी जाएगी।
समय-समय पर बैंक निरीक्षण करेगा।
लोन चुकाने के बाद गहने कब मिलेंगे?
RBI ने निर्देश दिया है कि लोन पूरा चुकाने के सात कार्य दिवस के भीतर बैंक को गहने या चांदी वापस करनी होगी।
यदि बैंक की गलती से देरी होती है तो प्रति दिन 5,000 रुपए मुआवजा देना होगा।
यदि लोन नहीं चुकाया गया तो?
बैंक पहले नोटिस देगा।
एक महीने बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
रिजर्व प्राइस मौजूदा बाजार भाव के 90% से कम नहीं होगा।
दो बार नीलामी असफल होने पर इसे 85% तक घटाया जा सकेगा।
दो साल तक गहने न लेने पर क्या होगा?
यदि ग्राहक लोन चुकाने के दो साल बाद भी गहने नहीं लेता, तो बैंक उन्हें अनक्लेम्ड कॉलैटरल घोषित कर देगा और वारिसों या ग्राहक से संपर्क के लिए विशेष अभियान चलाएगा।
RBI का यह कदम ग्रामीण और छोटे निवेशकों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां चांदी को संपत्ति के रूप में रखा जाता है। अब सोने की तरह चांदी से भी तुरंत नकदी की जरूरत पूरी की जा सकेगी।