Moody's Rating 2022: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को पहले के 9.1 प्रतिशत से घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया है। मूडीज का कहना है कि एनर्जी और खाद्य पदार्थों की महंगाई को और ज्यादा फैलने से रोकने के लिए ब्याज दरें बढ़ाना होगा, जिससे मांग में आ रही रिकवरी की गति धीमी होगी। मूडीज ने कहा, "हमने भारत के लिए अपने कैलेंडर-वर्ष 2022 के जीडीपी के अनुमान को 9.1 प्रतिशत से घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया है। मार्च में ग्रोथ का अनुमान 9.1 प्रतिशत था, जबकि 2023 के विकास दर के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बनाए रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक मजबूत क्रेडिट ग्रोथ, कारपोरेट सेक्टर की ओर से निवेश में भारी इजाफा करने का एलान और सकार की ओर से पूंजीगत व्यय के लिए ज्यादा बजट आवंटन से संकेत है कि निवेश की गति मजबूत हो रही है। मूडीज ने कहा, जब तक क्रूड और खाद्य कीमतों में और वृद्धि नहीं होती है तब तक इकोनमी में तेजी बनी रहेगी। ऊंची महंगाई दर का हवाला देते हुए कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 के अपने अनुमान में मूडीज ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर तिमाही 2021 से जारी तेजी इस साल पहले चार महीनों में भी बरकरार रही है। हालांकि कच्चा तेल, खाद्य और फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी का का असर आने वाले महीनों में घर के खर्च पर पड़ेगा।

विकास दर के 2.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद

SBI के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान विकास दर के 2.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान इसके 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। अर्थशास्त्रियों ने कहा, "हमारा यह मानना है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान बहुत सारी अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है। उदारहण के लिए वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के जीडीपी अनुमानों में 20.3 प्रतिशत से एक प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।

Posted By: Navodit Saktawat

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