बिश्रामपुर (नईदुनिया न्यूज)। स्वच्छता पखवाड़ा के आयोजन को एक बार फिर एसईसीएल के क्षेत्रीय प्रबंधन ने मजाक बना दिया। हाथ में झाड़ू लेकर फोटो खिंचाने वाले एसईसीएल के अधिकारी से लेकर ट्रेड यूनियन नेताओं ने यह तक देखना मुनासिब नहीं समझा कि क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय परिसर में ही चारों ओर गंदगी पसरी पड़ी है। कार्यक्रम के समापन समारोह में स्वच्छता को सार्वजनिक जीवन के लिए जरूरी बताने वाले अधिकारियों और श्रमिक नेताओं ने पानी पीने के बाद बोतलों को वहीं फेंक दिया, जो आज भी स्वच्छता पखवाड़े की धज्जियां उड़ा रही हैं।
एसईसीएल के क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा क्षेत्र में 16 जून से 30 जून तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया। हकीकत में स्वच्छता पखवाड़ा के नाम पर हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ औपचारिकता का निर्वहन किया गया। स्वच्छता अभयिान के नाम पर महज फोटो सेशन कराया गया। सुरक्षा पखवाड़े के समापन समारोह में क्षेत्रीय महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत मिशन के तहत स्वच्छता हमारा नैतिक दायित्व है। हम अपने नैतिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता जरूरी है। ट्रेड यूनियन के नेताओं ने भी स्वच्छता को लेकर बड़ी-बड़ी बात की। इस दौरान प्रबंधन द्वारा बताया गया कि स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान जगह जगह स्वच्छता अभयिान चलाया गया। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की कोशिश की गई। स्वच्छता को लेकर बड़ी-बड़ी बात करने वाले एसईसीएल के अधिकारियों एवं ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों ने समापन समारोह में जलपान कर पानी पीने के बाद बोतलों को डस्टबिन में फेंकने के बजाय कार्यक्रम स्थल पर ही फेंक दिया। कार्यक्रम समाप्त होने के 24 घंटे बाद भी महाप्रबंधक कार्यालय गेट के समक्ष खाली बोतलें फेंकी हुइ दिखी। इससे स्वच्छता अभयिान की पोल खुल गई है।
अभयिान की ऐसे खुल रही पोल-
महाप्रबंधक कार्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा का शुभारंभ और समापन समारोह आयोजित किया गया। स्वच्छता अभयिान के नाम पर झाड़ू लेकर फोटो सेशन भी कराया गया, लेकिन हकीकत में आज भी महाप्रबंधक कार्यालय में जगह जगह कचरे का ढेर नजर आ रहा है। इतना ही नहीं श्रमिक कालोनियों में जगह जगह कचरे का ढेर पड़ा होने के साथ ही नालियां गंदगी से बजबजा रही है। जिससे स्वच्छता पखवाड़ा की पोल खुल गई है। गौरतलब है कि पूर्व में स्वच्छता अभयिान को मजाक बनाने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में जोरदार वायरल हुआ था और एसईसीएल प्रबंधन की जमकर फजीहत हुई थी। प्रबंधन ने पखवाड़ा के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी।
जीएम के आदेश की भी परवाह नहीं-
स्वच्छता और व्यवस्था को लेकर जीएम अमित सक्सेना के आदेश की संबंधित विभाग को कोई परवाह नहीं है। श्रमिक कालोनियों में जगह-जगह पसरी गंदगी को लेकर अक्सर कालोनी वासी एवं श्रमिक प्रतिनिधि बयान जारी करने के साथ ही संबंधित विभाग से शिकायत भी करते हैं, लेकिन की स्थिति जस की तस निर्मित है। गार्बेज क्लीनिंग के नाम पर प्रबंधन पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप भी समय-समय पर रहते रहते हैं।
बयान-
ये सच है कि बिश्रामपुर क्षेत्र में स्वच्छता पखवाड़ा मनाए जाने के बाद ही महाप्रबंधक कार्यालय से लेकर श्रमिक कालोनियों में जगह-जगह गंदगी पसरी पड़ी है। वास्तव में यह बात चिंता का विषय है। प्रबंधन को इस दिशा में गंभीरता से चिंतन करना चाहिए।
सुजीत सिंह
नेता बीएमएस
बयान-
श्रमिक कालोनियों में पसरी पड़ी गंदगी से स्वच्छता अभयिान की धज्जियां उड़ना लाजिमी है। स्वच्छता अभयिान के नाम पर महज फोटो सेशन कराए जाने से पूर्व में भी एसईसीएल प्रबंधन की काफी फजीहत हो चुकी है।
देवेंद्र मिश्रा
नेता एचएमएस
Posted By: Nai Dunia News Network
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