अंबिकापुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।ऐतिहासिक, पुरातात्विक और धार्मिक महत्व से जुड़े गर्म जल स्रोत स्थल तातापानी पालिथिन मुक्ति की ओर कदम बढ़ा चुका है। तातापानी मंदिर के आसपास दुकानों से पालिथिन में सामग्री देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। समूचे परिसर की साफ-सफाई समूह से जुड़ी महिलाएं करती हैं। इसके एवज में स्वच्छता बेरियर लगाकर श्रद्धालुओं से स्वच्छता के लिए 10 से 20 रुपये तक शुल्क लिया जाता है। परिवेश को स्वच्छ रखने के साथ महिलाएं लोगों को स्वच्छता का पालन करने व पालिथिन के उपयोग को हतोत्साहित करने को लेकर जागरूक भी करती हैं। इससे इस महत्वपूर्ण स्थल के साफ रहने के साथ ही महिलाओं को अतिरिक्त आय भी हो रही है।

स्वच्छता बैरियर के प्रारंभ होने से प्रतिदिन 800 से 900 की आमदनी प्राप्त हो जाती है। इसका शुभारंभ हुए महज 20 दिन ही हुए हैं और लगभग 15 हजार की आय प्राप्त हो चुकी है। महिलाओं को उम्मीद है कि तातापानी का दर्शनीय स्थल अब स्वच्छता के लिए भी जाना जाएगा और अन्य पर्यटन स्थलों को भी इसे अपनाने को प्रेरणा मिलेगी।तातापानी गर्म जल स्थल और मंदिर के आसपास अब कहीं भी प्लास्टिक नजर नहीं आता है।नियमित सफाई से तालाब और जल कुंड का पानी भी स्वच्छ व निर्मल दिखता है।

सामुदायिक स्वच्छता का बेजोड़ उदाहरण

स्वच्छ भारत अभियान के तहत तातापानी दर्शनीय एवं धार्मिक स्थल सामुदायिक स्वच्छता का बेहतरीन उदाहरण हैं।स्वच्छाग्रही समूह की महिलाएं जहां एक ओर तातापानी परिसर की साफ-सफाई करती हैं वहीं दूसरी ओर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की सलाह भी देती हैं, तथा पर्यटकों द्वारा भोजन बनाने एवं भोजन करने वाले प्लास्टिक की प्लेटों, थाली, डिस्पोजल, कटोरी का उपयोग ना करते हुए पत्तल का उपयोग करने का निवेदन करती हैं साथ ही उन्होंने दुकानदारों से प्लास्टिक की थैली में सामग्री देने के लिए प्रतिबंधित भी किया है। सभी की सहभागिता से अब तातापानी में कहीं भी गंदगी नजर नहीं आती है।

कैसे पहुंचे तातापानी

तातापानी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित एक पर्यटन स्थल है।अंबिकापुर-रामानुजंगज राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिला मुख्यालय बलरामपुर से लगभग 12 किलोमीटर दूर तातापानी स्थित है।रेल अथवा सड़क मार्ग से अंबिकापुर पहुंच कर आप बस अथवा किराए की वाहनों से तातापानी पहुंच सकते हैं।यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही स्थित है।

इसलिए प्रसिद्ध है तातापानी

तातापानी पर्यटन स्थल में आठ से दस प्राकृतिक गर्म जल के कुंड और तालाब भी है। इसके अलावा यहां एक विशाल शिव जी की प्रतिमा है जिसे जिला प्रशासन द्वारा बनवाया गया है।इसके भूतल में सभी ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति प्रदर्शित की गई है।प्राचीन मंदिर भी स्थित है।स्थानीय भाषा में ताता का अर्थ होता है गर्म इसलिए इस जगह का नाम तातापानी पड़ गया। विज्ञानियों का मानना है कि इस क्षेत्र में सल्फर की मात्रा अधिक है इसी वजह से यहां से निकलने वाला पानी गर्म होता है। पिछले 50 से अधिक वर्षों से हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है।अब प्रशासन यहां महोत्सव का आयोजन करता है।

इनका कहना

स्वच्छता बेरियर बलरामपुर जिले का पहला स्वच्छता बेरियर है, जो तातापानी धार्मिक एवं दर्शनीय स्थल को स्वच्छ रखने हेतु बनाया गया है,इसके संचालन की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। स्वच्छता बेरियर का संचालन कर समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहीं हैं। महिलाओं द्वारा सतत रूप से तातापानी धार्मिक स्थल के साथ ही गर्म जल के कुण्डों की भी साफ-सफाई की जाती है। तातापानी का दर्शनीय स्थल स्वच्छता के लिए भी जाना जाएगा और समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी मदद मिल सकेगी।

विजयदयाराम के, कलेक्टर बलरामपुर

Posted By: Nai Dunia News Network

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