सूरजपुर (नईदुनिया न्यूज)। सूरजपुर जिला मुख्यालय के बड़कापारा में जल भराव की स्थिति को लेकर नईदुनिया में प्रकाशित खबर से हरकत में आए प्रशासन ने मार्ग में लबालब भरे पानी की निकासी की तात्कालिक व्यवस्था तो कर दी लेकिन फिर स्थिति जस की तस बन गई है। इससे वार्डवासी आने वाले बारिश के दिनों को सोच चिंतित हैं।
शहर के बड़कापारा मोहल्ले में जल निकासी की समस्या वहां के रहवासियों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है। इस मूलभूत समस्या को लेकर विगत दिनों नईदुनिया ने बड़का पारा में तीन साल से पानी की समस्या से सबसे समाचार का प्रकाशन भी किया था। नगरीय एवं जिला प्रशासन के लगातार प्रयासों के बावजूद जल निकासी का स्थाई समाधान न निकलने पर बरसात के दिनों में स्थानीय वार्ड वासी डर-डर कर जीने के लिए मजबूर है। इस समस्या के जानकार जनप्रतिनिधियों का मानना है कि समस्या का समाधान वार्ड वासियों के हाथ में है, वार्ड वासी पानी निकासी के लिए स्थायी नाली के निर्माण हेतु वांछित भूमि नहीं दे रहे हैं। नाली निर्माण जब तक नहीं होगी, तब तक निचली बस्ती में जल निकासी की समस्या बनी रहेगी। नगर पालिका परिषद सूरजपुर के वार्ड क्रमांक 17 के बड़कापारा मोहल्ले में जल निकासी की समस्या विगत तीन साल से बनी हुई है। तीन वर्ष पूर्व तक जल निकासी की समस्या नहीं थी। इसका मुख्य कारण यह था कि बस्ती का पानी निजी स्वामित्व की भूमि पर धड़ल्ले से निकल जाता था। तीन वर्ष पूर्व उक्त भूमि स्वामी ने अपनी भूमि पर मजबूत चारदीवारी का निर्माण कर दिया। परिणाम स्वरूप ऊपरी बस्ती का पानी निचले मोहल्ले की सड़कों पर एकत्रित होने लगा। लाख समझाइश के बावजूद जिद पर अड़े भूमि स्वामी द्वारा पानी निकासी का रास्ता नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने दो मर्तबा उक्त चारदीवारी के एक हिस्से को जबरन तोड़कर पानी की निस्तारी तो की, लेकिन भूमि स्वामी द्वारा पुनः निर्माण कर दिया जाता है और जल भराव की स्थिति पुनः उत्पन्ना् हो जाती है।
भूमि अधिग्रहण कर नाली निर्माण ही एकमात्र विकल्प-
नगर पालिका परिषद सूरजपुर के लोक निर्माण विभाग की सभापति मंजू गोयल ने वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद बताया कि जिस मोहल्ले में जलभराव की स्थिति है उस मोहल्ले के लोग जल निकासी के लिए निजी स्वामित्व की भूमि देने के लिए तैयार नहीं है ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा नाली निर्माण हेतु भूमि का अधिग्रहण किया जाना चाहिए और स्थायी रूप से नाली का निर्माण कर इस समस्या का समाधान करना उचित होगा। जब तक नाली का निर्माण नहीं हो जाता तब तक प्रशासन को वार्ड वासियों के मध्य सहमति बनाकर बरसात के पानी की निस्तारी की पहल करनी चाहिए।
10 लाख का प्रावधान, टेंडर भी जारी-
इस संबंध में नगर पालिका परिषद के उपयंत्री बसंत जयसवाल ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष केके अग्रवाल व परिषद द्वारा 15 वें वित्त आयोग मद से उक्त समस्या ग्रस्त क्षेत्र में नाली निर्माण के लिए 10 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। भूमि उपलब्ध होने की स्थिति में नाली निर्माण का कार्य तत्काल शुरू कर दिया जाएगा ।
समस्या का समाधान आवश्यक-
छठ तालाब से लगी शासकीय भूमि पर कब्जे की होड़ और निजी भूमि स्वामी के द्वारा लोगों को परेशान करने के लिए बना दी गई चारदीवारी समस्या की मुख्य वजह है। निजी भूमि स्वामी स्थानीय वार्ड वासियों को परेशान करने की मानसिकता रखते हैं। यही कारण है कि भूमि का उपयोग न होने के बावजूद लंबी चौड़ी चारदीवारी का निर्माण कर पानी निकासी रोक दी गई है।
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