अंबिकापुर(नईदुनिया न्यूज)।जल संसाधन संभाग क्रमांक दो रामानुजगंज में दो करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़ा के आरोप पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामानुजंगज के निर्देश के परिपालन में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजेंद्र प्रसाद सिंह व उप अभियंता सुजीत कुमार गुप्ता के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीकृत किया गया है।अधिवक्ता व आरटीआइ एक्टिविस्ट डीके सोनी द्वारा दायर परिवाद पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने एफआइआर का आदेश दिया था।

अधिवक्ता व आरटीआइ एक्टिविस्ट डीके सोनी ने दस्तावेजों के आधार पर छह जून 2022 को आवेदन थाना रामानुजगंज के समक्ष प्रस्तुत किया था। दस्तावेजों के साथ उन्होंने शिकायत की थी कि 220.56 लाख रुपए का भुगतान जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उप संभाग रामानुजगंज के तत्कालीन प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं तत्कालीन उप अभियंता सुजीत कुमार गुप्ता के द्वारा कार्य का भुगतान किया गया है। सूची में दिए गए कार्यों के कार्य स्थल का निरीक्षण कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग क्रमांक दो रामानुजगंज के द्वारा किया गया जिससे ज्ञात हुआ है कि वर्ष 2021-22 के दौरान कराए गए सर्वेक्षण का कार्य फर्जी और गुणवत्ता विहीन है। कार्यस्थल पर किसी भी तरह का कोई चिन्ह नहीं है। केवल अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंता द्वारा कागजों में फर्जी तरीके से कार्य अंकित कर संबंधित एजेंसियों के नाम पर फर्जी भुगतान कराया गया है जो एक अपराधिक कृत्य है तथा फर्जी तरीके से सर्वे कर राशि आहरण करने के संबंध में कार्यालय कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग क्रमांक दो रामानुजगंज के द्वारा प्रमुख अभियंता(डाटा सेंटर) जल संसाधन विभाग शिवनाथ भवन नया रायपुर अटल नगर नया को 11 मई 2022 को पत्र लिखकर भुगतान किए गए शासकीय राशि की वसूली करने का निवेदन किया गया है।

आरोप लगाया गया था कि दोनों अधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से षड्यंत्र पूर्वक शासकीय राशि का फर्जी दस्तावेज के सहारे आहरण कराया गया है जिसमें दोनों अधिकारियों के अलावा अन्य लोग जिसको राशि भुगतान की गई है तथा उक्त राशि का चेक जिसके नाम से काटा गया वह भी अपराध में शामिल है क्योंकि बिना सर्वे का कार्य कराएं सूची के अनुसार दो करोड़ से ज्यादा की राशि का भुगतान फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर दिया गया है।तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं सुजीत कुमार गुप्ता उप अभियंता के विरुद्ध प्राथमिकी करने की मांग की गई थी लेकिन एफआइआर पंजीकृत नहीं किया गया।

पुलिस अधीक्षक बलरामपुर के समक्ष 21 जून 2022 को प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने हेतु आवेदन किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर अधिवक्ता डीके सोनी के द्वारा रूपेश गुप्ता अधिवक्ता के माध्यम से रामानुजगंज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में धारा 156(3)का परिवाद पेश किया गया था।बीते 19 जनवरी 2023 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज आलोक तिर्की के द्वारा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था जिसके आधार पर थाना रामानुजगंज में राजेंद्र प्रसाद सिंह और सुजीत कुमार गुप्ता के विरुद्ध धारा 420 के तहत प्रकरण पंजीकृत किया गया है।

Posted By: Nai Dunia News Network

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़
 
google News
google News