अंबिकापुर।बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर अस्पताल में कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई हैं।यहां सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल पंडो जनजाति की महिला को कालातीत स्लाइन(बाटल) में इंजेक्शन डालकर लगा दिया गया।स्वजन की नजर पड़ने पर लापरवाही उजागर हुई।महिला के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर कर दिया गया है।बीएमओ ने मामले में जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की बात कही है।इस मामले के प्रकाश में आने के बाद जनप्रतिनिधियों ने भी अस्पताल की व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई है।

जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत महादेवपुर की रमबसिया पति रामजतन पंडो रविवार को साप्ताहिक बाजार जाने की तैयारी कर रही थी।उसी दौरान अनियंत्रित मोटरसाइकिल के चालक ने उसे टक्कर मार दी।दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल महिला को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरकोल ले जाया गया।वहां प्राथमिक उपचार के बाद महिला को सिविल अस्पताल वाड्रफनगर लाया गया।स्वजन का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती करने के बाद चिकित्सकों के निर्देश पर उपचार शुरू हुआ।महिला को इंजेक्शन लगाने के लिए स्लाइन का उपयोग किया गया।अचानक स्वजन की नजर पड़ी तो पता चला कि जिस स्लाइन का उपयोग किया गया है वह तो अक्टूबर 2022 में ही कालातीत हो गया है।इस पर स्वजन ने चिकित्सक और कर्मचारियों को जानकारी दी।तब तक दो -तीन बोतल कालातीत स्लाइन के साथ इंजेक्शन दिया जा चुका था।आनन-फानन में तत्काल कालातीत स्लाइन को बाहर निकाला गया।वाड्रफनगर के जनप्रतिनिधि और आसपास के ग्रामों के पंचायत प्रतिनिधि भी अस्पताल पहुंच गए थे।सभी ने इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई।प्रबंधन के पास कोई जबाब नहीं रह गया था।आखिरकार महिला को मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर कर दिया गया।उसका उपचार चल रहा है।शरीर में कालातीत दवा के दुष्प्रभाव का संदेह भी स्वजन जता रहे है।

स्टोर से आई थी दवा

दवाएं यदि कालातीत हुई तो उसे सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करने का नियम है लेकिन वाड्रफनगर अस्पताल के स्टोर में संभवत: अभी भी कालातीत दवाइयां भंडारित हैं तभी तो रविवार को कार्टून में भरकर दी गई दवाइयों में कालातीत दवा की भी आपूर्ति कर दी गई थी।घटना के बाद प्रबंधन में खलबली मची है।खबर है कि कालातीत दवाइयों की खेप को वहां से हटाया जा रहा है।इस लापरवाही के बाद यह भी आरोप लग रहा है कि न जाने इसके पहले कितने लोगों को इसी अस्पताल से कालातीत दवाइयां दी गई होंगी।

कर्मचारियों की घोर लापरवाही

जब स्टोर को दवा आपूर्ति की जाती है तो उसका मिलान होना चाहिए कि कहीं कालातीत दवा तो नहीं दी गई है।यदि दवा सही है तो उसका उपयोग तभी तक करना चाहिए जब तक वह कालातीत न हो जाए । यदि स्टोर से दवा दी भी गई तो वार्ड में ड्यूटी कर रहे नर्सिंग स्टाफ को भी उसकी जांच की जानी चाहिए लेकिन दोनों स्तर पर लापरवाही बरती गई।अन्यथा ऐसी गड़बड़ी संभव ही नहीं है।

वर्जन

ऐसा नहीं होना चाहिए।किन परिस्थितियों में ऐसा हुआ इसकी जांच करा रहे है।जिम्मेदारी तय होते ही नोटिस जारी कर जबाब मांगा जाएगा। वैसे स्लाइन पूरी तरह से नहीं चढ़ाया गया था।शुरू में ही जानकारी मिल जाने के कारण उसका उपयोग नहीं किया गया है।

डा शशांक गुप्ता

बीएमओ वाड्रफनगर

वर्जन

हमारे साथ पहुंचे सरपंच ने कालातीत स्लाइन में इंजेक्शन लगाने की गड़बड़ी पकड़ी।तीन-चार स्लाइन चढ़ाया जा चुका था।यह लापरवाही है।हमने अपनी आपत्ति प्रबंधन के समक्ष दर्ज कराई है।हमने जब इस गलती का कारण जानना चाहा तो कोई भी संतोषप्रद जबाब नहीं मिला।

भगवान दास पंडो

घायल के स्वजन क़ालातीत स्लाइन में लगा दिया इंजेक्शन

अंबिकापुर।बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर अस्पताल में कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई हैं।यहां सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल पंडो जनजाति की महिला को कालातीत स्लाइन(बाटल) में इंजेक्शन डालकर लगा दिया गया।स्वजन की नजर पड़ने पर लापरवाही उजागर हुई।महिला के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर कर दिया गया है।बीएमओ ने मामले में जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की बात कही है।इस मामले के प्रकाश में आने के बाद जनप्रतिनिधियों ने भी अस्पताल की व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई है।

जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत महादेवपुर की रमबसिया पति रामजतन पंडो रविवार को साप्ताहिक बाजार जाने की तैयारी कर रही थी।उसी दौरान अनियंत्रित मोटरसाइकिल के चालक ने उसे टक्कर मार दी।दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल महिला को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरकोल ले जाया गया।वहां प्राथमिक उपचार के बाद महिला को सिविल अस्पताल वाड्रफनगर लाया गया।स्वजन का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती करने के बाद चिकित्सकों के निर्देश पर उपचार शुरू हुआ।महिला को इंजेक्शन लगाने के लिए स्लाइन का उपयोग किया गया।अचानक स्वजन की नजर पड़ी तो पता चला कि जिस स्लाइन का उपयोग किया गया है वह तो अक्टूबर 2022 में ही कालातीत हो गया है।इस पर स्वजन ने चिकित्सक और कर्मचारियों को जानकारी दी।तब तक दो -तीन बोतल कालातीत स्लाइन के साथ इंजेक्शन दिया जा चुका था।आनन-फानन में तत्काल कालातीत स्लाइन को बाहर निकाला गया।वाड्रफनगर के जनप्रतिनिधि और आसपास के ग्रामों के पंचायत प्रतिनिधि भी अस्पताल पहुंच गए थे।सभी ने इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई।प्रबंधन के पास कोई जबाब नहीं रह गया था।आखिरकार महिला को मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर कर दिया गया।उसका उपचार चल रहा है।शरीर में कालातीत दवा के दुष्प्रभाव का संदेह भी स्वजन जता रहे है।

स्टोर से आई थी दवा

दवाएं यदि कालातीत हुई तो उसे सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करने का नियम है लेकिन वाड्रफनगर अस्पताल के स्टोर में संभवत: अभी भी कालातीत दवाइयां भंडारित हैं तभी तो रविवार को कार्टून में भरकर दी गई दवाइयों में कालातीत दवा की भी आपूर्ति कर दी गई थी।घटना के बाद प्रबंधन में खलबली मची है।खबर है कि कालातीत दवाइयों की खेप को वहां से हटाया जा रहा है।इस लापरवाही के बाद यह भी आरोप लग रहा है कि न जाने इसके पहले कितने लोगों को इसी अस्पताल से कालातीत दवाइयां दी गई होंगी।

कर्मचारियों की घोर लापरवाही

जब स्टोर को दवा आपूर्ति की जाती है तो उसका मिलान होना चाहिए कि कहीं कालातीत दवा तो नहीं दी गई है।यदि दवा सही है तो उसका उपयोग तभी तक करना चाहिए जब तक वह कालातीत न हो जाए । यदि स्टोर से दवा दी भी गई तो वार्ड में ड्यूटी कर रहे नर्सिंग स्टाफ को भी उसकी जांच की जानी चाहिए लेकिन दोनों स्तर पर लापरवाही बरती गई।अन्यथा ऐसी गड़बड़ी संभव ही नहीं है।

वर्जन

ऐसा नहीं होना चाहिए।किन परिस्थितियों में ऐसा हुआ इसकी जांच करा रहे है।जिम्मेदारी तय होते ही नोटिस जारी कर जबाब मांगा जाएगा। वैसे स्लाइन पूरी तरह से नहीं चढ़ाया गया था।शुरू में ही जानकारी मिल जाने के कारण उसका उपयोग नहीं किया गया है।

डा शशांक गुप्ता

बीएमओ वाड्रफनगर

वर्जन

हमारे साथ पहुंचे सरपंच ने कालातीत स्लाइन में इंजेक्शन लगाने की गड़बड़ी पकड़ी।तीन-चार स्लाइन चढ़ाया जा चुका था।यह लापरवाही है।हमने अपनी आपत्ति प्रबंधन के समक्ष दर्ज कराई है।हमने जब इस गलती का कारण जानना चाहा तो कोई भी संतोषप्रद जबाब नहीं मिला।

भगवान दास पंडो

घायल के स्वजन

Posted By: Yogeshwar Sharma

छत्तीसगढ़
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