अंबिकापुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।तेंदूपत्ता संग्रहण के सीजन में नक्सलियों द्वारा लेवी वसूली के मामले पूर्व के वर्षों में आते रहे हैं। बलरामपुर जिले के सामरी थाना क्षेत्र से लगे झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में तेंदूपत्ता ठेकेदारों से लेवी वसूली की शिकायतें नक्सलियों की मौजूदगी के दौरान सामने आती थी लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी है।नक्सली गढ़ बूढ़ा पहाड़ में फोर्स ने कैंप खोल लिया है।बूढ़ा पहाड़ से लगे छत्तीसगढ़ के सामरी थाना क्षेत्र में भी नए कैंप खुले हैं इसके बाद भी पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।
तेंदूपत्ता सीजन में नक्सलियों को किसी भी प्रकार से लेवी वसूली का अवसर न देने का पुख्ता प्रबंध करने के साथ इस कार्य में लगे अधिकारियों,ठेकेदारों को भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।बलरामपुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने वनमण्डलाधिकारी विवेकानंद झा की उपस्थिति में नक्सलियों को तेंदूपत्ता की लेवी वसूली रोकने के लिए ठेकेदार, प्रतिनिधियों एवं समितियों से जुड़े कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं। वन परिक्षेत्राधिकारी, उप वन परिक्षेत्राधिकारी, निरीक्षक, ठेकेदार, ठेकेदार प्रतिनिधि, वन समिति प्रमुख, फड़ मुंशी से तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर चर्चा की गई है और आश्वस्त किया गया है कि किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है।बैठक में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बाहर से आने वाले तेंदूपत्ता ठेकेदारों के कर्मचारियों,श्रमिकों एवं तेन्दूपत्ता संग्रहण स्टाफ से संबंधित व्यक्तियों की पहचान सहित सूची निकटतम अधिकार क्षेत्र में आने वाले थाने में जमा कराना आवश्यक है। नक्सली या असमाजिक तत्वों को वसूली या लेवी का पैसा किसी भी स्थिति में नहीं जाना चाहिए। बैठक में कहा गया कि किसी भी प्रकार के असमाजिक तत्वों से डरने की जरूरत नहीं है।
कोई तंग करता है तो उसको भी तत्काल पुलिस को अवगत कराएं। वर्तमान में सभी क्षेत्रों में थाना, चौकी, सुरक्षा कैम्प, आने-जाने के लिए सड़क सुविधा हो गई है जिससे नक्सली समस्या में कमी आई है। कैंप नहीं खुला था तब भी सुरक्षा को लेकर कई पेट्रोलिंग पार्टी गश्त करती थी। निर्देशित किया गया कि बाहरी राज्य से तेंदूपत्ता नहीं आना चाहिए। सरकार की तेन्दूपत्ता की योजनाओं का लाभ स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। बाहर से तेन्दूपत्ता आता है तो उसकी जानकारी पुलिस को दिए जाने तथा तेंदूपत्ता संग्रहण , खरीदी से जुड़े लोगों से मारपीट या किसी प्रकार की शिकायत होने पर निकटतम पुलिस थाने को सूचित करने निर्देशित किया गया है। इसके लिए जरूरी है कि संबंधित थाना प्रभारी का मोबाइल नम्बर सभी रखें। बताया गया कि विशेषकर सबाग एवं सबाग के आसपास के क्षेत्र से शिकायत नहीं मिलनी चाहिए और न ही नक्सलियों को पैसा जाने की सूचना मिलना चाहिए।ऐसा होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
एक दौर में आय का बड़ा माध्यम था तेंदूपत्ता की लेवी
जब बलरामपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों की आवाजाही होती थी तब तेंदूपत्ता नक्सलियों की आय का बड़ा जरिया होता था।इस सीजन में लेवी के रूप में नक्सली बड़ी रकम वसूलते थे।लेवी की रकम नहीं मिलने पर मारपीट, धमकी, तेंदूपत्ता संग्रहण न करने देने तथा संग्रहित तेंदूपत्ता में आगजनी जैसी घटनाएं होती थी।पिछले कई वर्षों से माहौल पूरी तरह बदल गया है। नक्सली गतिविधिया शून्य हैं फिर भी पुलिस सतर्क और सजग है कि तेंदूपत्ता सीजन में किसी प्रकार का कोई अवसर किसी को न मिल सके।
Posted By: Yogeshwar Sharma