अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में एक बार फिर असामाजिक व गुंडा तत्व आंख उठाने लगे हैं।पुलिस की कमजोर पकड़ के कारण हर रोज गैंगवार की तर्ज पर लड़ाई,झगड़े हो रहे हैं। शहर में तीन दिन से लगातार गैंग बनाकर लाठी, डंडा ,स्टिक लेकर युवक आतंक मचा रहे हैं पर पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। विडंबना तो यह है कि सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के भीतर 50 युवा मोटरसाइकिल पर सवार होकर हाथ में डंडा लेकर नगर के चौपाटी से गाली,गलौज व आतंक मचाते पूरा शहर घूम जाते हैं पर पुलिस को हवा तक नहीं लगती। शहर के नागरिक हिम्मत जुटा ऐसे तत्व की हरकतों को देख गुप्त सूचना देते हैं तो उन पर ही सवाल खड़े किए जाते हैं, ऐसी स्थिति में कानून व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगी समझा जा सकता है।
ताजा मामला सोमवार की रात साढ़े नौ बजे से साढ़े दस बजे के बीच की है। नगर के चौपाटी में लगभग 40 से 50 युवक, एक-एक मोटरसाइकिल में तीन-तीन की संख्या में सवार हो हाथ में लाठी, डंडा ,स्टिक पकड़ कर निकले।जमकर कोहराम मचाया।विडंबना यह है कि ये युवक चौपाटी से होकर बीच शहर से निकले और मायापुर क्षेत्र के चांदनी चौक पहुंच गए। रात्रि लगभग सवा दस बजे चांदनी चौक पर सभी सामूहिक रूप से खड़े हुए और अपने हाथों में रखे लाठी ,डंडा स्टीक को लहराते हुए किसी को जान से मारने की धमकी व अश्लील गाली,गलौज करते हुए शोर-शराबा कर रहे थे। यह युवक चौक पर कुछ देर कोहराम मचाने के बाद खैरबार रोड ,घुटरपपारा मार्ग होते हुए संवेदनशील क्षेत्र महामाया मंदिर महामाया पारा क्षेत्र पहुंचे जहां गत वर्ष बड़ी घटना हो गई थी और पुलिस को महीनों कैंप बनाकर पहरा करना पड़ा था ,ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में 50 युवक मोटरसाइकिल में लाठी,डंडा लहराते निकल रहे हो इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है। जब युवक महामाया मंदिर की ओर निकले तो इसकी जानकारी पुलिस पहुंच चुकी थी। इसके बाद भी कोतवाली पूरी हरकत में नहीं आई विडंबना तो यह है कि शहर में इन दिनों शादी, ब्याह का माहौल चल रहा है।
देर रात तक चौपाटी और स्कूल रोड के फास्ट फूड ठेलों में परिवार सहित लोग निकलते हैं। इस दौरान भीड़ भी लगी होती है, ऐसे समय में यदि हुड़दंग मचाते हाथ में डंडा लेकर युवक गाली गलौज और शोर-शराबा करते निकले तो परिवार के बच्चों और महिलाओं में किस तरह की भयावह स्थिति बनती होगी अनुमान लगाया जा सकता है।ऐसे तत्त्वों से शहर का कोई क्षेत्र सुरक्षित नहीं है। शहर में लगातार इस तरह समूह में उदंड युवा निकल रहे हैं। लोगों को दहशत में डाल रहे हैं। सोमवार की रात चांदनी चौक खैरबार रोड में परिवार सहित लोग घर से बाहर टहलने निकले थे, ऐसे समय डंडा व स्टीक लहराते हुए जो युवा निकले उसके बाद परिवार के लोग दहशत में आ गए। युवाओं के मुंह से अश्लील गालियां निकल रही थी जिसे सुनकर संभ्रांत परिवार के लोग शर्मसार भी हुए। बता दें कि यह केवल सोमवार की रात का एक मामला नहीं बल्कि पिछले तीन-चार दिनों से लगातार शहर में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। रविवार की सुबह नगर के कैलाश मोड़ पर 20-25 युवक लाठी, डंडा लेकर पहुंचे और कुछ लोगों की जमकर पिटाई कर चलते बने। इसके ठीक एक दिन पूर्व बौरीपारा से महिलाओं,युवतियों, बच्चियों के साथ निकली बरात जैसे ही सरगुजा सदन के द्वार पर पहुंची मामूली विवाद को लेकर 20- 25 युवक पहुंचे और लाठी, डंडा ,राड से कुछ लोगों पर हमला कर दिया।
इस मामले में भी राजनीतिक रसूख रखने के कारण कोतवाली पुलिस ने इनके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया बल्कि साधारण धारा लगाकर छोड़ दिया है ,जबकि पिटाई से आहत युवक के सिर पर गंभीर चोट है वह अस्पताल में इलाज करा रहा है। इस मामले में यह भी बात सामने आई है कि किसी बड़े जनप्रतिनिधि का थाने में फोन भी पहुंचा था। इसी से समझा जा सकता है कि थानों में थानेदारों की नहीं बल्कि बाहर से कोई थाना चला रहा है। यह भी जानकारी मिली है कि इस दिन बराती कोतवाली पहुंचे शिकायत करने तो उनकी नहीं सुनी जा रही थी।किसी ने घटनाक्रम की जानकारी पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग को दी। पुलिस महानिरीक्षक में अपने अधीनस्थों को फटकार लगाई तो अधिकारियों को नागवार गुजरा और थाने जाकर पूछताछ करने लगे कि आइजी को किसने फोन किया था..? ऐसी स्थिति में शहर की कानून व्यवस्था सुधर पाएगी संभव नजर नहीं आ रहा।
अंबिकापुर शहर का दायरा दिनों दिन बढ़ रहा है किंतु पुलिस दिनोंदिन कमजोर होती नजर आ रही है। विडंबना तो यह है कि नागरिकों से यदि गुप्त सूचना भी मिले तो उसे पुलिस गंभीरता से नहीं लेती। अब तो नागरिकों को यह भी डर सता रहा है कि उनकी सूचना अपराधियों तक पुलिस ही न पहुंचा न दे। शहर की कानून व्यवस्था के लिए अनुभवी थानेदार के साथ अनुभवी पुलिसकर्मियों को पदस्त करना होगा। शहर में अवैध गांजा, शराब बिक्री करने वालों से वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों से शहर की कानून व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है।
रात में नजर ही नहीं आती पुलिस-
शहर का दायरा तेजी से बढ़ा है। इस शांत शहर में पड़ोसी प्रांतों से भी बड़ी संख्या में लोग आकर रहने लगे हैं। इस शहर की शांत आबोहवा को भी समझ भी नहीं पा रहे हैं, ऐसे लोग ही दहशत फैला रहे हैं। तेजी से बढ़ते शहर में अब कई चौक चौराहे भी चुके हैं। कई संवेदनशील क्षेत्र हैं, यहां अक्सर मारपीट की घटनाएं होती हैं। गैंगवार की स्थिति बनती है किंतु इस शहर में शाम ढलने के बाद किसी भी चौक पर खाकी वर्दी नजर नहीं आती। शहर में यदि कोई बड़ी घटना हो गई तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे ही नजर आएगी।शहर में हर रोज चोरी की घटनाएं भी हो रही हैं। रात्रि गश्त के नाम पर पुलिस शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध गांजा, शराब बेचने वालों के पीछे वसूली के लिए लगी होती है।
नवयुवक आउट आफ कंट्रोल-
शहर के अलग-अलग मोहल्लों में नव युवकों ने गैंग बना लिया है।किसी से कोई रास्ता चलते कुछ कह दिया तो तत्काल फोन कर लाठी-डंडे ,स्टिक के साथ बुला लेता है और गैंगवार करा रहा है।ऐसे युवकों की पहचान बेहद जरूरी है। शहर के किन किन मोहल्लों में युवाओं ने गैंग बना रखा है इसकी भी जानकारी पुलिस को लेनी चाहिए। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त ऐसे युवकों को जब तक पुलिस सबक नहीं सिखाएगी शहर इसी तरह अशांत होता जाएगा।
कोतवाली थाना उपनिरीक्षक के भरोसे-
संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े माने जाने वाले कोतवाली थाना का प्रभार उप निरीक्षक के जिम्मे है। इतने बड़े थाना के लिए एक निरीक्षक विभाग को नहीं मिल पा रहा। यह भी शहर में चर्चा है कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी सब कुछ जान रहे हैं पर सत्ताधीशों के दबाव में कुछ कर नहीं पा रहे। शहर के सबसे बड़े थाने को उपनिरीक्षक के जिम्मे देना समझ से परे है।
क्या युवाओं का हुड़दंग नहीं दिखा सीसी कैमरे में...?
शहर में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने सेंट्रलाइज्ड सीसी कैमरा लगाया गया है। दावा किया जाता है कि सर्विलांस के जरिए शहर के चप्पे-चप्पे की गतिविधियों पर एक जगह बैठ कर पुलिसकर्मी देख लेते हैं। शहर में सोमवार की रात लाठी-डंडे से लैस होकर निकले इन युवकों की तस्वीर क्या इस सीसी कैमरे पर नजर नहीं आई होगी..? क्या तब किसी पुलिसकर्मी ने इसे कैमरे में देखा नहीं होगा..? यह बड़ा सवाल है। यदि ऐसा है तो सीसी कैमरे से शहर की निगरानी का दावा भी खोखला है।
Posted By: Yogeshwar Sharma