बलरामपुर।बलरामपुर जिले के रामानुजगंज वन परिक्षेत्र में एक सप्ताह तक स्वच्छंद विचरण करने के बाद बाघ पड़ोसी राज्य झारखंड के गढ़वा जिले के पिपराही जंगल में पहुंच गया है।ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर वन विभाग बलरामपुर की एक टीम ने झारखंड जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली है।झारखंड के वन अधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है।इधर बलरामपुर जिले में बाघ के द्वारा की गई पशु हानि के प्रकरणों में मुआवजा राशि के चेक का वितरण पशुपालकों को कर दिया गया है।बीते एक सप्ताह से रामानुजगंज व बलरामपुर वन परिक्षेत्र में बाघ के विचरण के बाद बुधवार की सुबह बाघ के पैरों के निशान झारखंड सीमा के समीप बलरामपुर जिले के ग्राम बरदर के समीप देखा गया था। बुधवार की देर शाम बाघ के झारखंड के ग्राम पिपराही में देखे जाने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी जा रही है। वन विभाग बलरामपुर के अधिकारी बाघ के झारखंड चले जाने की पुष्टि करने झारखंड भी गए हैं। छत्तीसगढ़ के वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा झारखंड के वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के जाने की सूचना भी दी गई है।बलरामपुर जिले के बरदर सहित आसपास के सीमावर्ती ग्रामों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है।

बलरामपुर जिले में 23 फरवरी से गुरु घासीदास उद्यान की ओर से वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में बाघ विचरण कर रहा था। बाघ ने जंगल के किनारे बसे बसाहटों में पालतू पशुओं का शिकार किया था।पिछले कई दिनों से बाघ बलरामपुर व रामनुजंगज वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती जंगलों में विचरण करने के साथ ही आबादी क्षेत्र के नजदीक भी आ रहा था। जिला व पुलिस प्रशासन तथा वन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी ताकि किसी प्रकार की कोई जनहानि न हो सके। कलेक्टर विजय दयाराम के के द्वारा बाघ विचरण क्षेत्र में वहां की स्थानीय ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर विचरण क्षेत्र में लोगों के आवागमन नहीं करने को लेकर टीम का गठन किया था जिसमें एसडीएम रामानुजगंज गौतम सिंह, उप वन लमंडलाअधिकारी अशोक तिवारी, एसडीओपी एमके. सूर्यवंशी सम्मिलित रहे। बाघ के द्वारा एक सप्ताह में रामानुजगंज क्षेत्र में तीन मवेशियों का शिकार किया गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने बाघ को प्रत्यक्ष रूप से देखा एवं कई लोगों के द्वारा इसका वीडियो भी बना कर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया था। बाघ के झारखंड की ओर चले जाने से प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों ने ली राहत की सांस ली।डीएफओ विवेकानंद झा ने बताया कि झारखंड के ग्राम पिपराही में ग्रामीणों के द्वारा बाघ को देखे जाने की बात बुधवार देर शाम बताई गई। पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र भी इधर ही है।वहां के अधिकारियों से बातचीत कर बाघ के उस ओर जाने की जानकारी दी गई है ताकि सुरक्षित रूप से बाघ टाइगर रिजर्व में पहुंच जाएं।

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