बलौदाबाजार । ग्रामीण अंचल में सामाजिक और जातिगत स्तर पर सक्रिय पंचायतों द्वारा सामाजिक बहिष्कार के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला विगत दिनों बलौदाबाजार जला मुख्यालय के संयुक्त कार्यालय में देखने को मिला। जब जला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर और सिटी कोतवाली के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुकुरदी के 135 परिवारों ने समाज से बहिस्कृत किये जाने की शिकायत की।
जिला मुख्यालय व थाना सिटी कोतवाली में शिकायत करने पहुंचे पीड़ित ग्रामीणों के अनुसार समस्त गोंड़ समाज ग्राम कुकुरदी के135 परिवारों को खपरी चक गोंड़ समाज के पदाधिकारियों अध्यक्ष रामायण ध्रुव, दीवान पुनाराम मंडावी, महामंत्री तिरिथ राम मरकाम, सचिव बीरसिंह नेताम, सहसचिव राजेश मरकाम के द्वारा गोंड़ खपरी चक के बीच चक तथा रणबौर महासभा से 17 दिसंबर 2020 को ग्राम कुकुरदी में बहिष्कृत कर दिया गया है। बहिष्कार के दौरान हुक्का-पानी बंद कर समस्त सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों से अलग कर दिया गया है। साथ ही बहिस्कृत किये गए परिवार एवं अन्य स्वजातीय परिवारों के घरों में जन्म , मृत्यु, विवाह आदि कार्यों में सम्मिलित होने वाले समाज के लोगों को 10,000 से 50,000 रु. तक दंडित कर प्रताड़ित किया जा रहा है। इन ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना काल में लाकडाउन के चलते विवाह योग्य युवक युवतियों के सही समय में विवाह नहीं हो जाने के कारण इस वर्ष विवाह संजोने वाले परिवारों को गहरा आघात पहुंचा है।
इन्होंने बताया कि राजेश मरकाम सहसचिव खपरी चक के द्वारा सोशल मीडिया में संचालित वाट्सएप्प ग्रुप सर्व आदिवासी समाज बलौदाबाजार में बहिस्कृत करने तथा सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों के निष्पादन पर प्रतिबंधित किये जाने के आदेश को वायरल कर बहिष्कृत किये गए परिवारों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। अब जबकि खपरी चक के अध्यक्ष एवं मंत्रिमंडल के निर्णय को रणबौर महासभा गातापार के अध्यक्ष राम ध्रुव एवं कोषाध्यक्ष चतुर सिंह नेताम के द्वारा बहिस्कृत किये जाने वाले प्रकरण को प्रमाणित किया गया, जिस पर बहिस्कृत परिवारों द्वारा खपरी चक के अध्यक्ष एवं पूर्ण मंत्री मंडल को प्रकरण के निराकरण के लिए पत्र लिखा गया, किन्तु खपरी चक के अध्यक्ष एवं मंत्रिमंडल के द्वारा कोई भी पहल नहीं करते नहीं देख रणबौर महासभा सभा को भी इस प्रकरण के निराकरण के लिए पत्र लिखा गया। जब महासभा द्वारा भी इन परिवारों की आवाज को नहीं सुना गया तो इन्होंने गुरुवार को संयुक्त कार्यालय बलौदाबाजार पहुंच कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। वहीं थाना सिटी कोतवाली में भी सूचना दी। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से मदन लाल ध्रुव, सुकदेव ध्रुव, देवलाल ध्रुव, गिरवर सिंह बेदराम, गीतासिंह, दुर्गेश, भुखन लाल, कुमार सिंह एवं समस्त सामाजिक गण शामिल रहे।
आरोपों का किया खंडन, सौंपा ज्ञापन
वहीं दूसरी ओर समाज के पदाधिकारियों ने कुकुरदी के ग्रामीणों द्वारा बहिष्कृत किए जाने के आरोप का खंडन किया है। कलेक्टर एवं एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि समाज के बहिष्कृत करने व हुक्का-पानी बंद करने की बात बेबुनियाद है तथा किसी भी कार्य में सम्मिलित होने पर दंडित करने का प्रावधान करने की बात गलत है। गोंड़खपरी चक के पदाधिकारियों ने 22 फरवरी कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर सुनिल कुमार जैन को व पुलिस अधीक्षक एवं एसडीएम बलौदाबाजार को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में गोंड़खपरी चक के सरपंच रामायण ध्रुव, दीवान पुनाराम मंडावी, महामंत्री तिरिथ मरकाम, सचिव बिरसिंह नेताम, सह-सचिव राजेश मरकाम, कोषाध्यक्ष रामकुमार मरई, संरक्षक झड़ीराम छेदइहा, सलाहकार सुरेंद्र खुसरो, रायपंच संजू मरकाम, मालिकराम नेताम, पूर्व पंचायत सरपंच मनोहर ध्रुव, भुपेन्द्र ध्रुवंशी, जिलाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज शामिल थे।
Posted By: Nai Dunia News Network
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