बेमेतरा/ थानखम्हरिया। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द केरल स्टोरी लोगों में काफी चर्चित फिल्म बन गई है। जिले में हिंदू धर्म जागरण समिति ने नगर की लगभग 110 हिंदू बेटियों को सचेत करने कवर्धा ले जाकर फिल्म दिखाई। इस दौरान उनके आने-जाने से लेकर फिल्म की टिकट सहित जलपान की व्यवस्था समिति के माध्यम से किया गया। वहीं फिल्म देखने के बाद राखी सिन्हा, यामिनी सहित कई बेटियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन, निर्माता विपुल अमृतलाल शाह, लेखक सूर्यपाल सिंह, सहित पूरी टीम बधाई के पात्र है। इन्होंने समाज के सामने लव जिहाद की सच्चाई को सामने लाया है। हम सभी को द केरल स्टोरी ने कई विषयों पर जागरूक किया है, हर हिंदू परिवार को यह फिल्म देखनी चाहिए।

इन घटनाओं से देश हो रहा है खोखला

हिंदू धर्म जागरण समिति ने देश में तेजी से पांव पसार रहे लव जिहाद, आतंकवाद, मतांतरण, हत्या, बलात्कार पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि इन घटनाओं से देश खोखला होता जा रहा है। जिहादियों की करतूतों से पूरे देश में अशांति, असुरक्षा तथा भय का वातावरण है। जिहादी मानसिकता के लोग भोली - भाली हिंदू युवतियों का भावनात्मक शोषण कर उनकी खुशहाल जिंदगी में जहर घोल रहे हैं। युवा अवस्था की बेटियों को सब्जबाग दिखाकर उनका शोषण कर उनकी जिंदगी नारकीय बना रहे हैं। सुखद भविष्य का सपना संजोयी बेटियों की जिंदगी तबाह की जा रही है। ऐसे निर्दयी तत्वों से सावधान करने बेटियों को सच्ची घटना पर आधारित बनी फिल्म द केरल स्टोरी दिखायी गयी।

मासूम चेहरे के पीछे छिपी सच्चाई को किया उजागर

फिल्म देखने के बाद अनेक युवतियों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी। राखी सिन्हा ने कहा कि इस फिल्म से हम सभी कालेज लड़कियों को बहुत कुछ सीख मिली है। कालेज के दौरान दोस्तों से किस हद तक दोस्ती रखनी है, इसकी जानकारी हमें मिली। फिल्म देखने के बाद वाकई सच्चाई क्या है उस पर हमारी आंखें खोल दी है। मासूम चेहरे के पीछे कितना घिनौना सच छुपा हुआ है हमने जाना। महाविद्यालयीन छात्रा टिकेश्वरी साहू ने कहा कि पढाई के लिये घर से बाहर जाने वाली 18 से 24 वर्ष की युवतियों को इस फिल्म से सबक लेने की जरूरत है। कैसे दोस्ती कर जिहादी तत्व मासूमों का सपना चकनाचूर कर देते हैं। जया राजपूत ने कहा कि यह सोची-समझी साजिश के तहत किया जाता है। युवतियां तो मार्ग से भटकती ही हैं, इसके लिए अभिभावकों के कमजोर परवरिश का भी यह दुष्परिणाम है। यामिनी निर्मलकर ने कहा कि ऐसे पिशाचों को समाज और कानून दोनों के द्वारा कठोर दण्ड दिया जाना चाहिये।

Posted By: Nai Dunia News Network

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