बेमेतरा। Crime News शहर में गोल्ड लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा का नया मामला सामने आया है। पुलिस की मानें तो आईसीआईसीआई बैंक की स्थानीय शाखा में 20 जनवरी को गिरवी रखे सोना की आनलाइन नीलामी की गई। जिसमें 21 जनवरी को इसकी स्वीकृति बैंक के द्वारा रायगढ़ निवासी मीना अग्रवाल को दी गई। शर्तों के आधार पर मीना ने 127 ग्राम सोना (जो कि 28 कैरेट के बदले में) के एवज में चार लाख 66 हजार का भुगतान बैंक के खाते में किया गया। जिसके बाद बैंक ने गिरवी रखे सोने को मीना अग्रवाल के कर्मचारी मनोज जायसवाल को दिया। लेकिन जब गहने की जांच की गयी तो नकली सोना निकला। हालांकि पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।
पैकेट खोलने पर निकला नकली सोना
मीना अग्रवाल के पुत्र आदित्य अग्रवाल की माने तो बैंक के माध्यम से मिले ज्वेलरी की जांच की गई। तो पता चला कि पैकेट में रखे गहने नकली है। इस बात की जानकारी बैंक प्रबंधन को दी गई, लेकिन बैंक प्रबंधन ने इस संबंध में कोई गंभीरता नही दिखाते हुए अपनी औपचारिकता पूरी करने की बात कहने लगे। ज्ञात हो कि बैंक लोन देने के पहले ज्वेलरी को परखने के लिए बाकायदा इस व्यवसाय से जुड़ हुए लोगों को नामित भी करती है। नामित व्यक्ति के द्वारा वैल्यूएशन करने के उपरांत ही बैंक के द्वारा प्रक्रिया पूरी कर लोन स्वीकृत की जाती है।
सोने का वजन 127 ग्राम, कर्ज दिए दो लाख 66 हजार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार छह अप्रैल 2021 को साधे राम यादव के गहने को गिरवी में रखकर दो लाख 96 हजार का कर्ज दिया गया था। कर्ज लेने के उपरांत ना तो साधे राम यादव ने कर्ज की वापसी की और ना ही ब्याज का ही भुगतान किया। जिसके चलते बैंक प्रबंधन ने उक्त गहने की नीलामी की प्रक्रिया अपनाई गई थी।
इस मामले में बेमेतरा एसपी आई कल्याण ऐलसेला का कहना है कि पूरे मामले में प्रार्थी ने कुछ कागजात नहीं दिए गए हैं। गुरुवार को बुलाया गया है कागजात मिलने पर समुचित जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
Posted By: Vinita Sinha