बेमेतरा (नईदुनिया)। कृषि विभाग के अधिकारियों ने जिले के किसानों को अच्छी फसल के लिए समसामयिक सलाह दी है। अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में जिले के सभी विकासखण्डों में मानसून की दस्तक के साथ खेतों की तैयारी, धान फसल की बोनी व रोपाई का कार्य शुरू हो चुका है।
मौसम विभाग द्वारा इस वर्ष बेहतर वर्षा होने की संभावना जताई गई है, जो कि जिले के वर्षा आश्रित क्षेत्रों में फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए एक सुखद संकेत है। जिले के किसानों को उर्वरक एवं प्रमाणित उन्नत बीज की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी विकास खंडों की सेवा सहकारी समितियों में उर्वरकों एवं बीजों का पर्याप्त मात्रा का भण्डारण किया जा चुका है। किसानों द्वारा लगातार समितियों के माध्यम से बीजों का उठाव भी किया जा रहा है।
उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज जिसमें अच्छी गुणवत्ता, उच्च अंकुरण प्रतिशत एवं स्थानीय परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता वाले प्रतिरोधक बीजों के चयन से ही फसलों के विपुल उत्पादन की नींव रखी जा सकती है। वर्तमान में विभाग द्वारा जिले में किसानों की रूचि एवं क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुकूल धान की अलग-अलग अवधि एवं उत्पादन क्षमता वाले 18 किस्मों के बीजों के साथ ही हाईब्रिड व सुगंधित बीजों का भण्डारण किया गया है। जिसमें एमटीयू-1010, महामाया, बीपीटी-5204, पूर्णिमा, एमटीयू-1001, एमटीयू-7029 (स्वर्णा), आईआर-64, आईआर-64 (डीआरआर-42) बम्लेश्वरी, राजेश्वरी, पीकेवी-एचएमटी पूसा सुगंधित, महेश्वरी, एनडीआर-8002 कर्मा मासुरी, स्वर्णा सब-1, चन्द्रहासिनी, इन्द्राबारानी, आरवी-बीआईओ-26, सहभागी, हाईब्रिड किस्में शामिल हैं।
जिले में किसानों द्वारा धान की प्रचलित किस्में एमटीयू-1010, महामाया, जैसी किस्मों का उपयोग लम्बे समय से किया जाता रहा है। ये किस्में अच्छे उत्पादन के साथ ही स्थानीय जलवायु के अनुकूल होने के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय है। परन्तु ये किस्में 10 वर्षो से अधिक अवधि वाले किस्मों के रूप में सूचीबद्घ है। शोध के अनुसार एक ही पारिस्थिकीय में लम्बे समय से एक ही किस्मों के बीजों का उत्पादन किये जाने से उन किस्मों में अपनी ओज एवं गुण धर्मो के विपरीत प्रदर्शन करने की संभावना बढ़ जाती है। जिसके कारण फसलों में कीड़े एवं बीमारियों से अधिक प्रभावित होने के साथ ही उत्पादन में गिरावट देखी गई है।
धान की स्वर्णा सब-1 किस्म की विशेषताएं-
स्वर्णा सब-1 140 से 150 दिन फसल अवधि वाले 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली किस्म हैं, जो सभी गुणों में स्वर्णा के समान हैं, परन्तु इसकी खासियत यह है कि यह कम पानी के अलावा पानी में डूबने की स्थिति में भी सहनशील व स्थिर उत्पादकता देने वाली किस्म है। इसके अलावा जिले में इस वर्ष सुगंधित धान के क्षेत्र विस्तार के लिए पीएस-5 किस्मों की व्यवस्था भी की गई है साथ ही, विष्णुभोग, बादशाहभोग तथा छटाीसगढ़ सुगंधितधान बीजों का उपयोग फसल प्रदर्शन में किया जा रहा है।
इंदिरा एरोबिक-1 है सूखा प्रतिरोधी
जिले के अधिकतर भागों का वर्षा आश्रित होना लगातार कृषकों के लिए सूखा एवं अकाल जैसी परिस्थितियां उत्पन्न करता है। इन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से इंदिरा एरोबिक-1 जो कि सूखा सहनशील होने के साथ ही नेक ब्लास्ट तथा पर्ण सड़न हेतु प्रतिरोधी है का भण्डारण भी विकासखंडों में किया गया है।
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वन-नेशन वन राशनकार्ड के लिए होगा आधार सीडिंग
बेमेतरा(नईदुनिया न्यूज)। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वन नेशन वन राशन कार्ड प्रारंभ करने के लिए राशनकार्ड के सभी सदस्यों का आधार सीडिंग किया जाएगा। खाद्य अधिकारी भूपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इस योजना के लागू होने से राशनकार्डधारी किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त कर सकेगा। आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से राशन सामाग्री वितरण एवं पोर्टेबिलिटी का उपयोग किया जा सकेगा। कार्डधारियों को अपनी पसंद की उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगा। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने कहा कि बिना आधार नंबर वाले राशन कार्डधारियों सदस्यों के आधार नंबरप्राप्त करने के लिए सभी एसडीएम, जनपद पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारियों नगरीय निकाय मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और सहायक खाद्य अधिकारी/ खाद्य निरीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देश दिये है।
जारी पत्र के अनुसार बेमेतरा जिले में प्रचलित 215018 राशनकार्डो में से 1605 राशनकार्ड में एक भी सदस्य का आधार नंबर दर्ज नहीं है। इसके अलावा अन्य राशनकार्डो में पंजीकृत 23 हजार 733 सदस्यों के आधार नंबर दर्ज नहीं है। अप्रमाणित या त्रुटिपूर्ण आधार नंबर तथा बिना आधार सीडिंग वाले राशन कार्डधारियों सदस्यों की सूची उचित मूल्य दुकान संचालकों के मॉड्यूल में उपलब्ध कराया गया है। बिना आधार सीडिंग वाले राशनकार्डधारी सदस्यों को माह जुलाई में राशन सामाग्री प्रदान करते समय व्यक्तिगत रूप से आधार कार्ड छायाप्रति या नामांकन पर्ची जमा करवाने कहा गया है। आधार कार्ड की स्वच्छ एवं पठनीय छायाप्रति प्राप्त कर क्यूआर कोड स्कैन कर विभागीय सर्वर में दर्ज किया जाएगा। जिला स्तर पर आधार डाटा एंट्री का 20 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनका आधारकार्ड नहीं है वे, आधार पंजीयन करवाकर नामांकन पर्ची की फोटो कॉपी, राशन दुकान संचालक के पास जमा कर सकते हैं। आधार सीडिंग के कार्य का प्रचार-प्रसार स्थानीय स्तर पर करने एवं निर्धारित समय तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
Posted By: Nai Dunia News Network
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