भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रमोशन पालिसी कर्मचारियों के लिए लाभ की पालिसी नहीं है। किसी भी कर्मचारी को आर्थिक लाभ नहीं होगा ,जो भी लाभ इसमें दिखाया जा रहा है।

वह पूर्व की सेल द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार पहले से मिलता रहा है। बिटवीन क्लस्टर प्रमोशन में तीन साल में प्रमोशन की बात इस पालिसी के अंतर्गत कही गई है जबकि एसीटी एवं ओसीटी ज्वाइन किए हुए कर्मचारियों के लिए सेल द्वारा दो साल पूर्व ही आदेश जारी किया गया था।

जिसमें इसका स्पष्ट उल्लेख था कि आईटीआई एवं डिप्लोमा को एस- 2 से एस- 3 एवं एस- 5 से एस- 6 ग्रेड में तीन वर्ष में प्रमोशन दिया जाएगा । इसका लाभ सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा। जिन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली है अनुकंपा नियुक्ति वालों को भी लालीपाप ही दिखाया गया है क्योंकि उनका ट्रेनिंग अवधि उनके सेवाकाल में नहीं जुड़ा है।

सिर्फ पदनाम का लालच दिखाकर चार्जमैन जैसे सम्मानित पदनाम को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है जिसे कर्मचारी अपनी लगन मेहनत एवं कार्य कुशलता के बल पर ट्रेड टेस्ट पास कर प्राप्त करते थे।डी क्लस्टर में जिसे चार्जमेंन पद प्राप्त है।

उनकी सेवानिवृत्ति के पश्चात वह पद समाप्त हो जाएगा एवं दूसरे कर्मचारी को उस पद पर प्रमोशन नहीं दिया जाएगा यानी चार्जमैन कम मास्टर आपरेटर- टेक्नीशियन डिमिनिशिंग कैडर में चला जाएगा। जिन्हें चार्जमैन कम सीनियर आपरेटर- टेक्नीशियन का पद प्राप्त है यदि उन्हें डी क्लस्टर में प्रमोशन लेना है तो उन्हें चार्जमैन पद का त्याग करना पड़ेगा।इस पालिसी में डी क्लस्टर में 18 फीसद एवं 20 फीसद प्रमोशन की बात कही गई है जबकि वर्तमान वस्तुस्थिति यह है कि 30 फीसद से ज्यादा कर्मचारी एक्सटेंडेड क्लस्टर में पड़े हुए हैं।

जिन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं मिलने वाला यह अवश्य है कि इनमें से कुछ लोगों को चीफ मास्टर टेक्नीशियन ,आपरेटर का पदनाम मिल जाएगा लेकिन उन्हें अधिकारी जैसे शिफ्ट इंचार्ज की जिम्मेदारी का कार्य करना होगा।

इसके एवज में उन्हें कोई भी आर्थिक लाभ नहीं मिलने वाला प्रबंधन द्वारा यह कार्य एक षड्यंत्र के तहत किया गया है। इस प्रकार की पॉलिसी लाकर जूनियर ऑफीसर प्रमोशन पालिसी को समाप्त करने का कुत्सित प्रयास है। मान्यता प्राप्त यूनियन द्वारा इस पालिसी का श्रेय लेने का प्रयास किया गया है जो कर्मचारी हित में नहीं है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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