बीजापुर। Bijapur News रिजर्व बैंक के दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के निर्णय के बाद अब नक्सली अपने नोटों को बदलवाने ग्रामीणों का उपयोग कर रहे हैं। बीजापुर जिले के महादेव घाट में चेंकिंग के दौरान सुरक्षा बल के जवानों ने नक्सलियों के प्लाटून नंबर दस के कमांडर मल्लेश के आठ लाख रुपये के दो-दो हजार के नोट बदलवाने आए दो ग्रामीण गजेंद्र माड़वी व लक्ष्मण कुंजाम को नक्सल सहयोग के आरोप में पकड़ा है। आरोपितों के पास से छह लाख रुपये मिले हैं, जिनमें दो-दो लाख रुपये के तीन बंडल में दो-दो हजार रुपये के नोट थे। आरोपित गजेंद्र सिलगेर में प्रदर्शन कर रहे मूलनिवासी बचाओ मंच का नेता भी है।

पुलिस ने बताया कि जिला बल व डीआरजी के जवान महादेव घाट में वाहनों की जांच कर रहे थे। इस दौरान भूरे रंग के होण्डा शाइन मोटर सायकल में बीजापुर की ओर से आ रहे दो व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर वाहन मोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षा बल ने रोककर पूछताछ की तो अपना नाम गजेन्द्र माड़वी व लक्ष्मण कुंजाम ग्राम नरसापुर, थाना बासागुड़ा का होना बताया। गजेन्द्र के पास रखे काले रंग के बैग की जांच में छह लाख रुपये मिले, जिनमें दो-दो हजार रुपये के नोट के साथ 11 विभिन्न बैंको के पासबुक, प्रतिबंधित नक्सल संगठन के पांपलेट व पर्चे थे। रकम के सबंध में कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले।

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि नक्सली कमांडर मल्लेश ने आठ लाख रुपये परिचितों के अलग-अलग खाते में जमा करने दिए थे, जिसे जमा करने वे बीजापुर आये थे। गजेंद्र ने बताया कि स्वयं के एसबीआइ बैंक के खाते में 38 हजार, सेंट्रल बैंक में 50 हजार रुपये व लक्ष्मण कुंजाम के पीएनबी बैंक के खाते में 50 हजार रुपये, यूनियन बैंक में 48 हजार रुपये सहित एक लाख 86 हजार रुपये उन्होंने बैंक में जमा कर दिए थे। शेष रकम को लेकर वे रेखापल्ली की ओर जा रहे थे। आरोपितों के विरूद्ध थाना बीजापुर में छग विशेष जनसुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

Posted By: Vinita Sinha

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