बिलासपुर। रतनपुर क्षेत्र में रहने वाली कक्षा दसवीं की छात्रा ने बोर्ड के सभी विषयों से लेकर प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल हुई। जब परीक्षा परिणाम जारी हुआ तब एक प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित बता दिया गया। इससे छात्रा पूरक आ गई है। जबकि उन्होंने 68 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किया है। स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते छात्रा का कैरियर अधर में लटक गया है।
कोटा विकासखंड के ग्राम चपोरा में संचालित शासकीक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा दसवीं की छात्रा जयंती साहू इस शिक्षा सत्र में 10 वीं बोर्ड की परीक्षा में बैठी थी। सभी विषयों की परीक्षा दी। साथ ही साथ प्रैक्टिकल परीक्षा में भी शामिल हुईं थी। इस बीच मासिमं ने बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी किया। तब जयंती साहू को पूरक बताया गया। एक प्रैक्टिकल पेपर में अनुपस्थिति बताकर नंबर नहीं जोड़ा गया है।
परिक्षा परिणाम देखकर जयंती और उसके स्वजनों के बीच हड़कंप मच गया। इसके बाद छात्रा के पिता ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया। स्कूल प्रबंधन ने जवाब दिया किया कि आप की बेटी साल भर कक्षा में बहुत सवाल पूछती है। इसलिए इसकी सजा देने उसे प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित किया गया है। इसके बाद छात्रा जयंती के पिता ने इसकी शिकायत रतनपुर थाना में की है और इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
सालभर मेहनत करने के बाद दूसरों की लापरवाही के चलते छात्रा पूरक आ गई हैं। परीक्षा परिणाम को देखकर छात्रा जयंती मानसिक स्र्प से परेशान हो गई हैं। उन्होंने कहा कि मेरे साथ जानबूझकर बदला लिया गया है। ऐसे दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आज मेरे साथ किया है। कल किसी और के साथ कर सकते हैं।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में किसी भी छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलावाड़ करना ठीक नहीं है। अगर छात्रा ने प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल हुई थी। तब इस मामले की जांच की जाएगी। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस मामले की जांच करने के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
Posted By: anil.kurrey
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