Bilaspur News: बिलासपुर। 17 मार्च को हुई दसवीं सोशल साइंस की परीक्षा में कोर्स मैटेरियल पीएससी जैसा नजर आया। दसवीं के बच्चों से देश और समाज से संबंधित जागरूकता लाने वाले प्रश्न रोचक ढंग से पूछे गए।
सोशल साइंस का पेपर सरल लेकिन विस्तृत रहा इसको बनाने में बच्चों को पूरे 3 घंटे का समय लगा। पेपर में पुराने ट्रेडीशन के साथ मॉडर्न कल्चर के मिश्रण का अंदाज देखने को मिला। माल अथवा शॉपिंग माल क्या है। जनसंख्या विस्फोट समाज के लिए घातक है। कैसे । समझाइए। हिंदू कोड बिल स्त्री और पुरुष समानता के कौन-कौन से अवसर देता है। सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों एवं कर्तव्य का वर्णन कीजिए। लोकतंत्र के सामने आज भी क्या चुनौतियां हैं। नगरीकरण से कौन-कौन सी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जैसे ज्वलंत मुद्दों वाले प्रश्न का उत्तर देने में परीक्षार्थियों को काफी माथापच्ची करनी पड़ी।
एक सवाल में गांव की माटी की महक दिखाई दी। पूछा गया कि मिट्टी का उपयोग कुम्हार किसान मूर्तिकार और गांव की महिला किस तरह से करती है। यह सवाल काफी इंटरेस्टिंग रहा। विषय विशेषज्ञ शिक्षकों का कहना है कि इस तरह का सवाल पूछे जाने से बच्चों की हमारी ट्रेडिशनल कला परंपरा के प्रति जिज्ञासा जागरूकता बढ़ेगी। ऐसे मुद्दों को शामिल करने से परंपरागत कलाकारों के संरक्षण को भी बल मिलेगा। 21 मार्च को दसवीं का अंतिम पेपर संस्कृत होगा।
सीबीएसई 10वीं हिंदी में रोचक
बिस्मिल्ला ख़ां को कुलसुम हलवाई की कचौड़ी वाली दुकान पर जाना क्यों पसंद था ? राम लक्ष्मण परशुराम संवाद कविता के संदर्भ में शिव धनुष टूटने की आवाज सुन परशुराम ने क्रोधित होते हुए पूछा कि धनुष किसने तोड़ा ? इसका उत्तर किसने और क्या दिया ? सूरदास के पद ' अबला हम भोरी , गुरु चांटी ज्यों पागी ' से गोपियां क्या कहना चाहती हैं ?
Posted By: Yogeshwar Sharma
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