Atal Bihari Vajpayee University: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय में जल्द ही लर्निंग फार अर्निंग योजना शुरू होगी। पढ़ाई के बीच विद्यार्थी अच्छी आय अर्जित कर सकेंगे। गढ़बो नवा विश्वविद्यालय के सपने को साकार करने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास होगा।

योजना को विशेषज्ञ आकार देने में जुट गए हैं। व्याख्यान और प्रशिक्षण के माध्यम से इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के अकादमिक शिक्षण संस्थान में कुल छह प्रमुख विभाग हैं। इनमें कामर्स एंड मैनेजमेंट, कम्प्यूटर साइंस, होटल मैनेजमेंट, माइक्रोबायोलाजी, योग साइंस और खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग शामिल है। इनमें 700 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विश्वविद्यालय पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले लर्निंग फार अर्निंग योजना की शुस्र्आत खाद्य प्रसंस्करण विभाग से करने जा रहा है। योजना को लेकर तैयारी में जुट विभाग के डा. सौमित्र तिवारी का कहना है कि इससे विद्यार्थियों को बेरोजगारी का तनाव नहीं रहेगा। सरकारी नौकरी के बजाय आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करेंगे। पढ़ाई के दौरान वे आय अर्जित कर सकेंगे। विश्वविद्यालय इसमें उनकी पूरी मदद और मार्गदर्शन करेगा। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट गुजराज की पूर्व कुलपति प्रो. नालांबरी दवे छात्रों को समय-समय पर प्रोत्साहित भी करेंगी।

क्या है योजना

लर्निंग फार अर्निंग योजना कुलपति आचार्य प्रो. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी का विचार है। योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग की पूरी जानकारी के साथ पैकेजिंग एवं फल-सब्जियों को संरक्षित कर आय अर्जित करने तरीका बताया जाएगा। शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से विद्यार्थियों को देश के बड़े संस्थानों से परिचय कराया जाएगा। ताकि वे छत्तीसगढ़ में अपना खुद का काम प्रारंभ कर सकें।

भविष्य की प्रमुख मांग: प्रो.दवे

अटल विश्वविद्यालय के सभागार में गुरुवार को फल और सब्जियों के संरक्षण की तकनीक पर व्याख्यान भी हुआ। मुख्य वक्ता सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट गुजराज की पूर्व कुलपति प्रो. नालांबरी दवे ने खाद्य संरक्षण की आवश्यकता और महत्व को रेखांकित किया। कहा कि भविष्य में इसकी बड़ी उपयोगिता है। रोजगार का प्रमुख साधन है। इसकी मांग बढ़ती जाएगी। मानव समाज का यह एक महत्वपूर्ण उद्योग है।

प्रमुख प्राध्यापकों को जोड़ा

योजना के सफल क्रियान्वयन में विभागाध्यक्ष इंजीनियर यशवंत कुमार, डा. जीवीएसके कलाधर, डा. गौरव साहू, डा. सीमा बेरोलकर, डा. रेवा कुलश्रेष्ठ, डा. हामिद अब्दुल्ला, डा. लतिका भाटिया, डा. रश्मि गुप्ता, डा. हैरी जार्ज, डा. पूजा पांडेय, डा. सुमोना भट्टाचार्य, डा. धर्मेंद्र कश्यप, आस्था विठलकर, लीना लकड़ा, केशव कैवर्त्य, योगिता

Posted By: Abrak Akrosh

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