Atal Bihari Vajpayee University: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में परीक्षा के नाम पर अवैध शुल्क वसूली का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को भी छात्र-छात्राओं का गुस्सा कायम रहा। एनडीआर कालेज में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। दूसरी ओर विश्वविद्यालय ने शुल्क संरचना पर प्राचार्यों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसका एक भी कालेज ने जवाब नहीं दिया।

कालेजों में प्राइवेट परीक्षा और सीटिंग के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगाकर एनएसयूआइ विभिन्न् कालेजों में प्रदर्शन कर रही है। बुधवार को लगातार तीसरे दिन सरकंडा स्थित नलिनी देव प्रभा प्रसाद राय(एनडीआर) महाविद्यालय में हंगामा किया। एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह, महासचिव रंजेश सिंह और लोकेश नायक के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय का घेराव कर तालाबंदी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कालेज प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्राचार्य सुभाष झा संस्था में तानाशाही रवैया अपना रहे हैं।

संचालक दीपांकुर राय द्वारा छात्र नेताओं की मांगों को उल्टा कुचलने का प्रयाय किया जा रहा है। परीक्षा फार्म काउंटर तक बंद कर दिया गया है। यह अनुचित है। छात्र-छात्राओं के साथ दुर्व्यहार किया जाता है। विश्वविद्यालय ने नोटिस जारी कर शुल्क संरचना की जानकारी मांगी है, जिसे देने में भी आनाकानी कर रहे हैं। बता दें कि इन दिनों शुल्क को लेकर अलग-अलग कालेजों में विरोध होने लगा है। प्रदशर््ान दौरान प्रमुख रूप से चंद्रकुमार, राजेंद्र पाली, उज्वल ठाकुर, गौरव सिंह, जित्तू ठाकुर, पंकज सोनावानी, भूपेश साहू, सुनील श्रीवास, विशाल ठाकुर आदि शामिल थे।

हंगामे के बाद पहुंची पुलिस

कालेज में कार्यकर्ताओं का हंगामा बढ़ते देख सरकंडा पुलिस भी पहुंच गई। छात्र नेताओं और चेयरमैन के बीच समझौता करने प्रयास किया गया। इसके बाद माहौल शांत हुआ। गुरुवार दोपहर इस संबंध में चर्चा भी होगी। ऐसा माना जा रहा है कि शुल्क को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेंद्र दुबे और उप कुलसचिव नेहा यादव कालेजों को ढील देने के मूड में नहीं हैं।

दुर्व्यवहार नहीं, शांति से करें बात: राय

महाविद्यालय के चेयरमैन दीपांकुर राय ने कहा कि किसी भी छात्र के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाता। कोई भी चीज शांति से हल होती है। प्राचार्य एक शिक्षक भी है। अपशब्दों और धमकी से वे आहत हैं। विद्यार्थियों को दिक्कत है तो अनुशासित होकर नियमानुसार अपनी बात रखें। विश्वविद्यालय के नोटिस का निश्चित रूप से जवाब देंगे।

Posted By: Abrak Akrosh

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