बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बताया कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की कार्य योजना अनुसार रविवार को भाजपा कार्यालय में बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा मंडल बिलासपुर मध्य की आयोजित बैठक में बैठक प्रभारी भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने आपातकाल पर अपना विचार रखते हुए कहा कि संविधान के निर्माताओं की इच्छा थी कि भारत देश लोकतांत्रिक रहे पर 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र के मुख पर कालिख पोत दी।

इंदिरा गांधी की तानाशाही, भ्रष्टाचार एवं तमाम अनिमितता के खिलाफ देशभर में आक्रोश था। गुजरात में कांग्रेस की चिमन भाई पटेल की सरकार को भ्रष्टाचार के आरोप में जाना पड़ा एवं विपक्षी दलों का जनता मोर्चा विजयी हुआ। समुचे गुजरात की छात्र शक्ति सुलग रही थी।

बिहार में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की अगवाई में संपूर्ण क्रांति का आंदोलन रफ्तार पकड़ रहा था और देखते ही देखते देशव्यापी हो गया। उन्होंने पटना में सम्पूर्ण क्रांति का नारा देते हुए छात्रों, किसानों, श्रमिक संगठनों से अहिंसक तरीके से सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया।

एक माह बाद देश की सबसे बड़ी रेलवे यूनियन राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चली गई, जिसे इंदिरा सरकार ने निमर्म तरीके से कूचला। इससे सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ा। इंदिरा गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली से सांसद बनी थी। उनके निर्वाचन क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंदी राजनारायण ने इलाहाबाद उधा न्यायलय में उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया था।

न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने साहसी निर्णय लेते हुए इंदिरा गांधी के निर्वाचन को निरस्त कर उन पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। कोर्ट के इस निर्णय से इंदिरा गांधी को अपनी सत्ता हाथ से जाती दिखी तो त्याग पत्र देने के बजाय आंतरिक उपद्रव से निपटने के नाम पर देशभर में आपातकाल लगा दिया।

कुमावत ने कहा कि कांग्रेस जब-जब केंद्र या प्रदेशों की सरकार में रहती है तब-तब लोकतंत्र विरोधी काम करती है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन, आंदोलन आदि न हो इसलिए काला कानून का आदेश जारी किया गया है। यही हाल कांग्रेस शासित अन्य प्रदेशों में है।

Posted By: sandeep.yadav

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़