बिलासपुर। रतनपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सर्वसुविधा युक्त ओटी तो बना दिया गया है, लेकिन इस सुविधा के बाद भी सीजर शुरू नहीं किया गया है। इसके वजह से क्षेत्रवासियों को केंद्र में आवश्यक चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रहा है।

जबकि यहां ऑपरेशन थेटर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और जरूरी संसाधन उपलब्ध है ऐसे में एमरजेंसी में मरीजों को दूर सफर कर के सिम्स या जिला अस्पताल आने को भी मजबूर होना पड़ता है।

शासन स्तर पर मातृ शिशु मुत्युदर रोकने के लिए शासन स्तर पर करोड़ो रूपये खर्च किया जा रहा है। इसी वजह से संस्थागत प्रसव को बढ़ाने की लिए लगातार चिकित्सा सुविधा बढ़ाया जा रहा है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रो में संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओटी की सुविधा दी जा रही है, इसी के तहत रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सर्व सुविधा युक्त ओटी की सुविधा दे दी गई है, लेकिन इसके बाद भी यहां सिर्फ सामान्य प्रसव कराया जा रहा है, यदि सीजर की जरूरत पड़ रही थी तो सीधे सिम्स या फिर जिला अस्पताल रिफर कर दिया जा रहा है।

कोटा विधायक भी ओटी शुरू करवाने लिख चुकी है पत्र

कोटा विधायक रेणु जोगी ने रतनपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समस्त सुविधा होने के बाद भी वहा गर्भवती महिलाओ को ऑपरेशन की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण जिला कलेक्टर सौरभ कुमार को पत्र लिखते हुए कहा है की स्वास्थ्य केंद्र में पूरी सेटअप उपलब्ध है। यहां पर ऑपरेशन थेटर का निर्माण कराया जा चूका है। महिला डॉक्टर की पदस्थापना हो चुकी है।

लेकिन ऑपरेशन कार्य शासकीय अनुमति नहीं होने के कारण से आस पास क्षेत्र की गर्भवती महिलाओ को ऑपरेशन की सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में यहां केवल नार्मल डिलीवरी ही हो पा रही है कभी गंभीर मामले होने पर गर्भवती महिलाओ को बिलासपुर सिम्स लेजाना पड़ता है जिसके कारण परिजनों को समस्या का सामना और माता शिशु की जान को भी खतरा होता है। ऐसे में विधायक जोगी ने रतनपुर में गर्भवती महिलाओ के लिए ऑपरेशन थेटर शुरू कराने की मांग की है।

सप्ताह में दो दिन महिला डॉक्टर की ड्यूटी लगाए

कोटा ब्लॉक के पोड़ी और चपरा स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्साक नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओ को जांच और उपचार कराने में परेशनी हो रही ऐसे में विधायक रेणु जोगी ने सीएमएचो डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव को भी पत्र लिखकर इस स्वास्थ्य केन्द्रो में सप्ताह में दो दिन महिला चिकित्सक की ड्यूटी लगाने की मांग की है। ताकि आदिवासी बहुल क्षेत्र की जनता को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

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