Bilaspur Cims News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिम्स के आर्थोपेडिक वार्ड की स्थिति दयनीय हो चुकी है। सी आर्म मशीन नहीं होने की वजह से हड्डियों से संबंधित मेजर सर्जरी नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि सर्जरी की आवश्यकता वाले मरीज को दूसरे अस्पताल जाना पड़ रहा है और उपचार के लिए भारी भरकम खर्च करना पड़ रहा है।
आर्थोपेडिक वार्ड में सामान्य तौर पर 40 बेड की सुविधा है, लेकिन यह वार्ड पिछले दो साल से पूरी तरह से भर नही पाया है। हमेशा 20 से 30 बेड खाली ही मिलते हैं। इसकी मुख्य वजह दो साल से सी आर्म मशीन का नहीं होना बताया जा रहा है, क्योंकि हड्डियों का मेजर सर्जरी इस मशीन के बिना होना संभव नहीं हो सकता है, क्योंकि ये मशीन ही बताता है कि हड्डियों में कितना ड्रिल करना है। इसके अलावा प्लेट व राड सही तरीके से लग रहा है कि नहीं सभी जानकारी मशीन से पता चल जाती है।
वहीं इस मशीन के नहीं होने से सर्जरी नहीं हो पा रहा है, ऐसे में हड्डियों से संबंधित सामान्य उपचार व माइनर सर्जरी नहीं हो पा रहा है। कुल मिलाकर ज्यादातर मरीजों को उपचार से वंचित होना पड़ रहा है और इसी वजह से सर्जरी वाले मरीजों को निजी अस्पताल जाने के लिए बाध्य है। जहां उन्हें हजारों रुपये खर्च करना पड़ रहा है। महत्वपूर्ण चिकित्सीय मशीन होने के बाद भी इसका सिम्स में न होना प्रबंधन के उदासीनता को उजागर करता है। इसी वजह से मरीज भी लगातार उपचार से वंचित हो रहे हैं। आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट का हालत इतना खराब हैं कि यदि किसी मरीज की हड्डी जोड़ने के लिए प्लेट व राड की जरूरत है तो उसे यह उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसके लिए उन्हें बाजार से इन सामानों को खरीदना पड़ रहा है।
Posted By: Manoj Kumar Tiwari