बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले दो विभाग के साथ रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तीन विभाग मिलाकर 38 अधिकारी-कर्मचारी गायब मिले। ऐसे में सभी को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की दशा में एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के नए सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव इन दिनों विभाग की बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने के काम में जुट गए हैं। उन्हें ज्यादातर यह शिकायत मिली है कि हर कार्यालय में लगभग हर समय कई कर्मचारी नदारत रहते हैं। इसकी वजह से जिलेवासी इलाज से वंचित हो रहे हंै। साथ ही उनका विभागीय कार्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सोमवार की सुबह नौ बजे वे सबसे पहले रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण के लिए पहुंचे।

मालूम हो कि सुबह नौ बजे से ओपीडी शुरू हो जाता है। ऐसे में चिकित्सक के साथ ही तमाम स्टाफ को उपस्थित रहना होता है। लेकिन, इस समय कार्य करने वाले सभी नौ स्टाफ नदारद मिले। इसके बाद डा. श्रीवास्तव ने रतनपुर से वापसी करने के बाद 10 बजकर 35 मिनट में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग पहुंचे। यहां पर 15 मेें से 14 स्टाफ गायब मिले।

इसके बाद सीएमएचओ ने 10 बजकर 45 मिनट में मलेरिया विभाग का निरीक्षण के लिए पहुंच गए। वहां पर 18 अधिकारी-कर्मचारी में से 15 गायब मिले। इस तरह तीनों विभाग से कुल 38 अनुपस्थित हैं। इसमें डाक्टर, अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। ऐसे में सभी को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया है। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर एक दिन का वेतन काटा जाएगा।

लगातार होगी जांच

सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव ने साफ किया है कि जब शहरी क्षेत्र के कार्यालयों का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्र में स्थित चिकित्सा केंद्रों में भी जमकर मनमानी चल रही होगी। ग्रामीण केंद्रों की लगातार शिकायत मिल रही है कि हर दिन स्टाफ गायब रहता है और अक्सर ये ड्यूटी पर ही नहीं आते हैं। वहीं अब रोजाना इस तरह का निरीक्षण करते हुए गायब रहने वाले लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ओपीडी में चिकित्सक को हर हाल में पहुंचना है सुबह नौ बजे

एक बात यह भी सामने आ रही है कि चिकित्सकों के ओपीडी टाइम सुबह नौ बजे अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण हर दिन मरीजों को इनके आने का इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह से चिकित्सा सुविधा में गिरावट आ रही है। ऐसे में साफ कर दिया गया है कि ओपीडी देखने वाले चिकित्सक को हर हाल में सुबह नौ बजे से ओपीडी संचालित करना होगा, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: sandeep.yadav

छत्तीसगढ़
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