बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। सीपत से जयरामनगर तक दस किलोमीटर लंबी बायपास सड़क की प्रक्रिया छह साल से लंबित है। छह साल पहले निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 40 लाख रुपये की स्वीकृति भी मिली थी। लेकिन पीडब्ल्यूडी अभी तक काम शुरू नहीं कर पाया है। क्षेत्र के रहने वाले ग्रामीण बायपास की आस में बैठे हैं। लेकिन अभी तक बाइपास का निर्माण नहीं हो सका है।
कोरबा दीपका, गेवरा, हरदीबाजार की खदानों का कोयला जयरामनगर में डंप होता है। वहां से ट्रेन से दूसरी जगह सप्लाई होता है। दिनभर में करीब दो रैक और गतौरा में दिनभर में 5-6 रैक कोयला सप्लाई होता है। मोपका, चिल्हाटी, फरहदा, गतौरा जयरामनगर, खैरा, पंधी में भारी वाहनों का 24 घंटे आना-जाना होता है। जयरामनगर, गतौरा से पंधी से मटियारी, जांजी, सीपत, गुड़ी, हिंडाडीह, खाड़ा, धनिया, लुथरा, खम्हरिया कुली तक रोजाना करीब तीन सौ कोयला लोड ट्रेलर वाहन गुजरते हैं।
इन भारी वाहनों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हंै। आसपास के ग्रामीण कई सालों से बाइपास सड़क निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। साल 2015-16 में राज्य शासन ने सीपत से जयरामनगर तक दस किलोमीटर बाइपास सड़क बनाने की स्वीकृति दे चुके है। पीडब्ल्यूडी को 40 लाख स्र्पये जारी भी हो चुके हैं। लेकिन छह साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
भू अर्जन की प्रक्रिया अटकी
बाइपास बनाने के लिए ग्राम खैरा के 42 किसानों की जमीन की जरूरत है। इसमें भू अर्जन की कार्रवाई भी पूरी नहीं हो पाई है। ग्राम खैरा के 42 किसानों के लिए एक करोड़ 17 लाख 68 हजार स्र्पये अवार्ड पारित किया गया है। इसमें 22 किसानों को मुआवजा राशि दी जा चुकी है। उनकी जमीन अधिग्रहण भी हो चुकी है। शेष 22 किसानों की प्रक्रिया राजस्व विभाग में छह साल से लंबित है। ग्राम पंधी के आठ किसानों के लिए 18 लाख 24 हजार 930 स्र्पये पारित हो चुके हैं। इसमें चार किसानों की जमीन का पंजीयन पूर्ण हो चुका है। चार किसानों के अभिलेख में त्रुटि सुधार राजस्व विभाग में लंबित है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सीपत-जयरामनगर बायपास रोड निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही निविदा प्रक्रि या भी पूरी चुकी है। राजस्व विभाग से भू अर्जन किया जा रहा है। कुछ किसानों को मुआवजा देना बाकी है। राजस्व विभाग के लंबित मामले निपटने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
बीएल कापसे
कार्यपालन अभियंता, पीडब्ल्यूडी बिलासपुर
Posted By: Abrak Akrosh
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