Bilaspur News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। दिव्यांग बच्चों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट जाएंगे और सीधे कोर्ट की कार्यवाही देखेंगे। बिलासा एयरपोर्ट अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। एयरपोर्ट से विमानों की आवाजाही के बाद अब तो नियम कानून इतना सख्त कि बिना काम भीतर जा ही नहीं सकते। बुधवार को ऐसा ही हुआ। खासकर उन बच्चों के लिए जिनकी पहुंच से ये दोनों महत्वपूर्ण संस्थान दूर हैं। दिव्यांग बच्चों ने पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट परिसर सहित कोर्ट रूम देखा। जस्टिस एनके व्यास और जस्टिस चंदेल के कोर्ट रूम में बैठकर न्यायालयीन कार्रवाई भी देखी।
जैसे ही स्पेशल बच्चे हाई कोर्ट परिसर में कदम रखे इनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 45 बच्चों का समूह अपने शिक्षकों व जिले के अधिकारियों के साथ हाई कोर्ट परिसर पहुंचे। वाहन से उतरते ही इनकी आंखों की चमक बता रही थी कि ये बहुत खुश हैं। न्यायालय परिसर का विहंगम दृश्य देखकर ये पुलकित हो उठे। शिक्षकों ने बताया कि यह हाई कोर्ट है। बुधवार का दिन इन बच्चों के लिए खुशी के साथ बेहतरीन अनुभव लेकर आया। इनकी खुशी दोगुनी करने वाले और कोई नहीं कलेक्टर सौरभ कुमार हैं।
किया सैर
कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देश पर समग्र शिक्षा परियेाजना अंतर्गत जिले के 45 दिव्यांग बच्चों को हाई कोर्ट, चकरभाठा एयरपोर्ट, कानन पेंडारी का शैक्षणिक भ्रमण कराया। इस दौरान बच्चों को सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का अवलोकन कराया गया। बच्चों ने जस्टिस एनके व्यास और जस्टिस चंदेल के कोर्ट में सुनवाई प्रक्रिया का अवलोकन एडिशनल रजिस्टार कुजूर एवं नीरज शर्मा के मार्गदर्शन में किया। हाई कोर्ट की लाइब्रेरी और आडिटोरियम का भ्रमण भी किया। जहां प्रोटोकाल अधिकारी श्रीवास्तव द्वारा बच्चों को जीवन की चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने के लिए प्रेरित किया गया।
एयरपोर्ट में देखा विमान
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के बाद बच्चे बिलासा एयरपोर्ट बिलासपुर पहुंचे। बच्चों को हवाई जहाज, एरोड्रम एवं अन्य प्रासंगिक विषयों के बारे में वहां के अधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई।
कानन पेंडारी में जमकर किया मजा
हाई कोर्ट और बिलासा एयरपोर्ट के बाद दिव्यांग बच्चे कानन पेंडारी के लिए रवाना हुए। कानन पहुंचते ही बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यहां वन्यप्राणियों के केज के सामने खड़े होकर इनकी गतिविधियां देखी। स्नेक पार्क और चिड़ियों के केज के पास रंगबिरंगी चिड़ियों की चहचहाहट सुनी। कानन पेंडारी जू के कीपरों व अधिकारियों ने बच्चों को वन्यप्राणियों के अलावा पर्यावरण का पाठ भी पढ़ाया। कानन भ्रमण के साथ ही पिकनिक का मजा भी उठाया।
बच्चों को दिया उपहार
डीएमसी अनुपमा राजवाड़े द्वारा टी शर्ट, केप और स्टेशनरी सामग्री का वितरण किया गया तथा उन्हें परीक्षा की तैयारी पूर्ण मनोयोग से करने के लिए प्रेरित किया गया।
Posted By: Abrak Akrosh
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