Bilaspur News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के लिए इस वर्ष पूरे तीन महीने का समय दिया गया था। इसके बावजूद जिले के चार हजार 216 किसान धान बेचने से वंचित रह गए। राज्य शासन ने किसानों की सहूलियत के लिए 15 के बजाए एक नवंबर से धान खरीदी शुरू की थी। अन्य वर्षों की अपेक्षा इस साल धान खरीदी के लक्ष्य को भी बढ़ावा था।

वर्ष 2022-23 खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। अन्य वर्षो की तुलना में इस बार जिले के अलाव पूरे राज्य में धान का बंपर उत्पादन हुआ है। इसके लिहाज जिले एक लाख 23 हजार 366 ने पंजीयन कराया था। इनके रकबे के आधार पर किसानों 53 लाख 34 हजार 500 क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य रखा गया था। लेकिन तीन माह तक धान खरीदी अवसर मिलने के बाद भी जिले के एक एक लाख 19 हजार 150 किसान ही धान बेचने उपार्जन केंद्राें तक पहुंच पाए।

कुल 51 लाख 30 हजार 100 क्विंटल धान बेचा पाए हैं। किसानों और धान की मात्रा का आंकलन करें तो इस वर्ष पर्याप्त समय और मौसम ने भी साथ दिया है। इसके बाद भी जिले में 4,216 किसान 2,04,499 क्विंटल धान बेचने से वंचित रह गए। राज्य शासन ने इस साल किसानों का एक एक दान धान खरीदने की ऐलान कर एक नवंबर से 31 जनवरी तक खरीदी है। मौसम ने भी किसानों का साथ दिया और पूरे तीन माह के दौरान वर्षा ने खलल नहीं डाला। इसके बाद भी अनुमानित लक्ष्य के आधार पर धान की खरीदी क्यांे नहीं हुई यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

कोरबा व जीपीएम में हुई 100 फीसद से अधिक खरीदी

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत आधे दर्जन जिले आते हंै। सभी जिलों में धान खरीदी की जिम्मेदारी सहकारी केंद्रीय बैंक के कंधे पर रहता है। इन आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरबा और जीपीएम रिकार्ड धान खरीदी हुई है। कोरबा में 111.42 फीसद और जीपीएम में 116.63 फीसद से अधिक धान की खरीदी हुई। वहीं बिलासपुर 94 फीसद में सिमटकर गया है।

Posted By: Abrak Akrosh

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़
 
google News
google News