बिलासपुर। जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने सात (रूरल हेल्थ अधिकारी) आरएचओ का इंक्रीमेंट रोक दिया है।मालूम हो कि इन अधिकारियों ने सरकारी कार्यक्रम के तहत कुष्ठ के मरीजों को खोजने और स्वास्थ्य से जुड़े काम में लापरवाही बरती है। वही इनकी
नोटिस जारी
निगरानी में चूक होने पर चारो ब्लॉक के बीएमओ को भी नोटिस दिया गया है। इससे पहले भी 30 से अधिक आरएचओ को इसी संदर्भ में नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन कुछ ने इस मामले में जवाब नहीं दिया, इसलिए उनके खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई हुई है।
डिटेल मांगी जा रही है -
केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य कार्यक्रम को लेकर गंभीर है। जिले में चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों पर लगातार नजर बनी हुई है। यही वजह है कि सीएमएचओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव इसके विषय में लगातार बीएमओ की समीक्षा बैठक ले रहे। हर सप्ताह उनसे डिटेल मांगी जा रही है।
बुधवार को भी इसके संदर्भ में बैठक ली गई और पिछली मीटिंग में सरकारी लक्ष्य के हिसाब से कितना टारगेट तय हुआ, इसकी पूछपरख की गई। सामने आया कि सबसे ज्यादा लापरवाही क्षय एवं कुष्ठ खोज अभियान में सामने आ रही है।
गांव-गांव में सर्वे के दौरान आरएचओ मितानिनों के काम की मॉनिटरिंग नहीं कर रहे, इसलिए मरीजों को ढूंढ़ने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम है। जबकि उन्हें बड़े अधिकारियों की तरफ से लगातार इसके निर्देश जारी हो रहे हैं। यही कारण है कि सीएमएचओ ने तखतपुर, बिल्हा, कोटा और मस्तूरी के ब्लॉक मेडिकल अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
मोतियाबिंद सर्जरी के निर्देश
नोटिस के साथ ही सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने चारों बीएमओ को साफ किया है कि अब किसी भी कार्यक्रम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही उन्होंने यह भी साफ किया है कि जिले को मोतिबिंद मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य रखकर चला जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में मोतियाबिंद मरीज की खोज करना है और उनकी सर्जरी करवाना है। सीएमएचओ ने इस काम को तेज गति से करने के निर्देश दिए हैं।
Posted By: Manoj Kumar Tiwari
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