Bilaspur News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। कानन पेंडारी जू का इंटरप्रिटेशन सेंटर कमाल का है। यहां बटन दबाते ही ना केवल जानवरों की पहचान हो जाती है बल्कि पक्षियों की चहचहाहट भी गूंजने लगती है। इतना ही नहीं इस सेंटर में वन्य प्राणियों की ज्ञानवर्धक जानकारी भी है। यही वजह है कि पर्यटक सैर के समय इंटरप्रिटेशन सेंटर जरूर देखते हैं। कोई इससे अनभिज्ञ है तो जू के कर्मचारी उन्हें यहां जाने का सुझाव देते हैं।

वन विभाग की शुरू से मंशा रही है कि कानन पेंडारी जू केवल चिड़ियाघर बनकर न रह जाए। यहां पर्यटकों को वन्य प्राणियों से जुड़ी तमाम जानकारी भी मिले, जो उनके लिए नई हो। इसी उद्देश्य के साथ ही चिड़ियाघर परिसर में 13 साल पहले इंटरप्रिटेशन सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। बजट मिलने पर निर्माण हुआ। यहां इलेक्ट्रिानिक डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से वन्य प्राणियों की तस्वीर और उनसे जुड़ी जानकारी प्रदर्शित की जाती है। इन जानकारी से ज्यादा रोचक वह इलेक्ट्रिानिक मशीनें हैं, जिनमें अलग- अलग बटन है।

यहां बटनयुक्त दो मशीनें हैं। एक के जरिए जानवर की पहचान होती है। बटन में वन्य प्राणियों की तस्वीर और नाम है। इसे पर्यटक जैसे ही दबाते हैं सामने लगे बोर्ड की तस्वीरों में लाइट जलने लगती है। इससे पर्यटक जान लेते हैं कि कौन सा वन्य प्राणी कैसे दिखता है। इसी तरह पक्षियों की चहचहाहट सुनाने के लिए बटन वाली मशीन लगाई है। उनमें पक्षियों की तस्वीर है। पर्यटक यदि जानना चाहते हैं कि कौन सी पक्षी की आवाज कैसी होती है, उन्हें इससे आसानी से पता चल जाता है। सेंटर में आधुनिक आडियो विजुअल उपकरण हैं। इसके कारण पर्यटकों को वन्य जीव का वास्तव में होने का एहसास भी होता है।

सींगों को देख पर्यटक हो जाते हैं हैरान

चीतल, सांभर समेत कुछ ऐसे वन्य प्राणी हैं, जिनके सींग एक समय के बाद टूटकर गिर जाते हैं। इन्हें नष्ट करने का प्राविधान है। जू प्रबंधन यह करता भी है। लेकिन कुछ सींगों को इसी इंटरप्रिटेशन सेंटर में पर्यटकों के डिस्प्ले के लिए रखा गया है। इन सींगों को करीब देखकर पर्यटक खुश होने के साथ हैरान भी रह जाते हैं। आमतौर पर जू के केज में वन्य प्राणी दूर से ही देखने को मिलते हैं। ऐसे में सींग को सामने देखना उनके लिए अनोखा अनुभव होता है।

Posted By: Abrak Akrosh

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