बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।Bilaspur News: अरपा नदी में बनाए जा रहे शिवघाट और पचरीघाट बैराज में 28 करोड़ रुपये की लागत से स्तरहीन लोहे के गेट लगाए जा रहे हैं। इसका असर यह हो रहा है कि अभी से ही गेट से परतें निकलनी शुरू हो गई हैं। ठेकेदार की इस गड़बडी में जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारी भी साथ दे रहे हैं। तभी तो इसकी जानकारी होने के बाद भी अब तक ठेकेदार के खिलाफ किसी प्रकार के कदम नहीं उठाए गए हैं।
अरपा नदी में सालभर पानी रहे इसके लिए दो बैराज का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण में ठेकेदार की ओर से जमकर मनमानी की जा रही है। पहले स्तरहीन सरिए से ढलाई का काम शुरू करा दिया गया। जब इसकी शिकायत हुई तो स्टैंडर्ड सरिए का उपयोग किया गया। अब गेट निर्माण में जमकर गड़बड़ी बरती जा रही है। दोनों बैराज में स्तरहीन लोहे से बने गेट लगाए जा रहे हैं।
मौके पर पड़ताल में सामने आया है कि पचरीघाट में लगाने के लिए रखे लोहे के गेट से परतें झड़ने लगी हैं। ऐसे में गेट की गुणवत्ता को लेकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मालूम हो कि दोनों बैराज में 44 गेट लगाए जाएंगे। इस गड़बड़ी के संबंध में चीफ इंजीनियर अजय सोमावार और विद्युत यांत्रिकी लाइट मशीनरी गेट एवं नलकूप संभाग सकरी के प्रभारी कार्यपालन अभियंता दिनेश सिंह के मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया गया, लेकिन दोनों जिम्मेदार अधिकारियों ने काल रिसीव ही नहीं किया।
ये हैं जिम्मेदार
0 सुनील अग्रवाल, ठेकेदार— अरपा नदी में बन रहे शिवघाट और पचरीघाट बैराज का ठेका रायगढ़ निवासी सुनील अग्रवाल को मिला है। इन्होंने इसे पेटी कांट्रेक्ट में दूसरे को काम सौंप दिया है।
0 अजय सोमावार, प्रभारी चीफ इंजीनियर—जिम्मेदार अधिकारी होने के कारण इनके द्वारा अपने अधीनस्थ पर कार्रवाई करनी थी। लेकिन इन्होंने तकनीकी स्वीकृति जारी करने के बाद अपनी आंखें मूंद ली है।
0 संजय पाठक, अधीक्षण अभियंता—गेट निर्माण की देखरेख अधीक्षण अभियंता की भी है, लेकिन इनके द्वारा अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
0 दिनेश सिंह, प्रभारी कार्यपालन अभियंता—दोनों बैराज के गेट का निर्माण इनके अधिकार क्षेत्र में किया जा रहा है। इनकी जानकारी में ही पूरी गड़बड़ी हो रही है।
सीएम का है ड्रीम प्रोजेक्ट
अरपा नदी में बन रहे बैराज में हो रही लेटलतीफी से लोग निराश हैं। बताया जा रहा है कि बैराज को 2023 में पूरा करने का दावा किया जा रहा है। हालांकि अब भी काफी काम बाकी है। मालूम हो कि दोनों बैराज सीएम भूपेश बघेल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में बिलासपुर प्रवास के दौरान सीएम ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी ली थी।
ढलाई के सरिए में गड़बड़ी, उजागर से मचा है हड़कंप
दोनों बैराज में ठेकेदार की ओर से स्तरहीन यानी अंडर वेट सरिए से ढलाई की जा रही थी। इसकी शिकायत होने पर अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद ठेकेदार की चोरी पकड़ी गई। दरअसल ठेकेदार की ओर से गुणवत्ता में कटौती की जा रही थी। अधिकारियों की फटकार के बाद अब स्टैंडर्ड सरिए लगाए जा रहे हैं।
नहीं कराया वजन
बैराज के टेंडर में स्पष्ट है कि ठेकेदार को स्टैंडर्ड स्टील का उपयोग करना है। यानी जिंदल, सेल या फिर टाटा जैसी नामचीन कंपनी से लोहा लेना है, लेकिन ठेकेदार की ओर से गुणवत्ताहीन लोहे का उपयोग किया जा रहा है। इससे बैराज को भविष्य में खतरा हो सकता है।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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