Bilaspur News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। नशीली दवाएं बेचने वालों के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने अभियान छेड़ दिया है। बुधवार को टीम ने जरहाभाठा मंदिर चौक स्थित चंद्रा मेडिकोज का लाइसेंस एक माह के लिए निरस्त कर दिया है। यहां पर नशे के रूप में भी उपयोग होने वाले प्लैनो कफ सिरप बेचने का कोई रिकार्ड नहीं मिला। दवाएं कहां बेची गई है, इसकी पूरी जानकारी मांगी गई है।
ऐसी संवदेनशील दवाएं जिसमें नशा होता है, ऐसे दवाओं को बेचने की प्रक्रिया जटिल बनाई गई है, ताकि यह किसी नशेड़ियों के हाथ न लगे और वे इससे नशा न करे। प्रक्रिया के अनुसार इस तरह की संवेदनशील दवाएं डाक्टर द्वारा पर्ची में लिखे जाने के बाद ही मेडिकल स्टोर संचालक को देना होता है। साथ ही जिस व्यक्ति को दवा दी जा रही है, उसकी जानकारी भी संधारण करना होता है। लेकिन इस प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए ज्यादा कमाने के लालच में कई मेडिकल स्टोर के संचालक अंदरूनी तौर पर नशा पैदा करने वाले दवाओं को बेचने का काम करते हैं।
वहीं इसी को लेकर बुधवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के खाद्य निरीक्षण अश्वनी धुरी ने जरहाभाठा स्थित चंद्रा मेडिकोज में जांच के लिए पहुंचे। यहां जांच के दौरान जब प्लैनो कफ सिरप की बिक्री के बारे में पूछा गया तो मेडिकल स्टोर का संचालक यह जानकारी नहीं दे सका कि यह दवा कहां-कहां बेची गई है। ऐसे में टीम को समझ में आ गया कि इस संवेदनशील दवा को बेचने में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में तत्काल मेडिकल स्टोर का लाइसेंस एक माह के लिए रद्द करने की कार्रवाई की गई है।
इस सिरप में भी होता है कोडीन फास्फेट
कोरेक्स सिरप में कोडीन फास्फेट रहता है। इसकी ज्यादा मात्रा लेने पर नशा होता है। इसी वजह से दवा से नशा करने वाले लोग कोरेक्स सिरप को नशे के रूप में सेवन करते हंै। ठीक इसी तरह प्लैनो कफ सिरप में भी कोडीन फास्फेट रहता है, ऐसे में इस सिरप की भी ज्यादा मात्रा लेने से नशा होता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जरहाभाठा स्थित चंद्रा मेडिकोज का लाइसेंस एक माह के लिए निरस्त कर दिया गया है। संचालक संवदेनशील प्लैनो कफ सिरप बेचने का रिकार्ड नहीं दे पा रहा था।
अश्वनी ध्रुव, ड्रग इंस्पेक्टर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग
Posted By: Abrak Akrosh
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