बिलासपुर। लॉकडाउन खुलने के बाद समाज कल्याण विभाग के पास मदद लेने वालों की होड़ मच गई है। सबसे ज्यादा दिव्यांग अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। ज्यादातर बुजुर्ग अपने लिए छड़ी और अन्य लोग ट्राइसाइकिल मांग रहे हैं। दो साल के भीतर 1400 दिव्यांगों को सामग्री बांटी गई।
विभाग उनका परीक्षण कर उनकी जरूरतों के अनुसार उन्हें उपकरण बांट रहा है। दो साल के रिकार्ड में बैसाखी, छड़ी और श्रवण यंत्र अधिक बांटे गए हैं। हाल ही में समाज कल्याण विभाग ने शिविर लगाकर उपकरण के लिए लोगों को चिंन्हित किया था। लोगों को उपकरण की जरूरत पर आवेदन लेकर समाज कल्याण विभाग में जमा कराता है, इसके बाद ही उन्हें उपकरण उपलब्ध कराया जाता है।
यह उपकरण दिव्यांगों के चलने फिरने के लिए उपयोगी है। विभाग के पास उपकरणों के लिए आए आवेदनों में कम सुनने वाले व्यक्तियों की संख्या सबसे ज्यादा रही है। 2020-21 से 2022-23 तक मिले आवेदनों में कम सुनने वालों के लिए कुल 359 श्रवण यंत्र खरीदा गया था, जिसमें विभागीय रिकार्ड के अनुसार मांग को देखते हुए 292 लोगों को कान की मशीनें उपलब्ध कराई गई है। वहीं 243 को ट्राइसिकल और फिर मोटराइज्ड ट्राइसिकल की डिमांड बढ़ने पर 233 लोगों को दिया गया। सवा दो साल में लगभग 1400 लोगों को सहायक उपकरण सामग्री बांटी गई है।
शिविर लगाकर लोगों को किया गया था चिंन्हित
समाज कल्याण विभाग ने हाल ही में सम्भाग स्तरीय सम्मेलन कराया था, जिसमें बिलासपुर के साथ जीपीएम, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ती, सारंगगढ़ के लगभग 10 हजार वरिष्ठ लोग स्थानीय साइंस कॉलेज के खेल परिसर में आयोजित प्रमाणिकरण मुल्यांकन शिविर में पहुंचे थे। इस दौरान दांतों की जांच, आंखों का परीक्षण, नाक व गला की जांच, अस्थी बाधितों परिजनों का परीक्षण आयुर्वेदिक चिकित्सा व मेडिकल ऑफिसर की उपस्थिति में परीक्षण कर उनको मिलने वाले उपकरण हेतु चिन्हांकित किया था।
आवेदन के बाद होता है परीक्षण
लॉकडाउन खुलते ही उपकरण लेने वालों की होड़ लग गई थी। विभाग ने इसके लिए मापदंड के अनुसार आवेदन मंगाए। उसके बाद उन आवेदनों को परीक्षण किया गया। परीक्षण के बाद जिन व्यक्तियों को जिस तरह के उपकरण की जरूरत थी। उनको उनके अनुसार से दिया गया है। कई लोगों उपकरण मिलने के बाद भी समय से पहले फिर आवेदन कर दिया, जिससे उन्हें समझाइश देकर समय के बाद आने को कहा गया।
Posted By: Manoj Kumar Tiwari