Bilaspur News: बिलासपुर। शहर का ऐसा व्यवसायी जो दिन और रात अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में लगा रहता है। व्यवसाय के बीच समय निकालकर समाज सेवा करना नहीं भूलते। दिन का आधे से ज्यादा समय कारखानों और अपने कार्यालय के बीच ही गुजरता है। कारखाना और कार्यालय के बीच आने-जाने के रास्ते में किसी परिचित को मदद की जरूरत पड़े तो पहचान कैसे होगी। वे पहचानेंगे कैसे। बिना पहचान वे उनकी कार रोकेंगे कैसे। जब कार नहीं रुकेगी तो मदद कैसे कर पाएंगे। कुछ इस तरह की उधेड़बुन उद्योगपति प्रवीण झा के मन में चल रहा था।

पत्नी कल्पना झा ने तब पते की बात कही। उन्होंने सहजभाव से कहा कि लोगों के बीच अपनी पहचान और मौजूदगी दर्ज करानी है तो गाड़ी का नंबर कुछ ऐसा लीजिए जिससे आपकी पहचान बने और जान पहचान के अलावा अनजाने लोग भी गाड़ी का नंबर देखकर अपनी उपस्थिति मान लें। पत्नी का सुझाव काबिल-ए-तारीफ रही। कल्पना के मन की कल्पना ही कहिए उनके सुझाव पर आज नाम ही नाम हो रहा है। इसलिए मसर्डिज से लेकर सभी लक्जरी कारों का नंबर 6006 या फिर 0006 ले लिया है। यह लकी नंबर भी है। इस नंबर की कार में चढ़ने के बाद उद्योग व्यवसाय में भी उन्न्ति हुई है। उद्योग व्यवसाय में उन्न्ति और तरक्की के रास्ते में समाज सेवा कभी आड़े नहीं आया। आज भी उसी भाव से लोगों की मदद के लिए मैं, मेरी पत्नी, बेटा और भाई के अलावा स्वजन हमेशा तत्पर रहते हैं।

कार का यूनिक नंबर ही मेरी पहचान

प्रवीण बेफिक्री के साथ कहते हैं कि लोग जब घर, कार्यालय या फिर अपने व्यावसायिक परिसर से निकलते हैं तो कार में काले शीशे चढ़ा लेते हैं। उनका उद्देश्य क्या है ये तो वे ही जानें। मेरा मानना साफ है कि हम अपनी पहचान उजागर कर चलें। हमारी गाड़ी का यूनिक नंबर ही हमारी पहचान है। सड़क में अगर किसी को मदद की जरूरत है और हमारी गाड़ी रोक लेते हैं तो हम गाड़ी रोकते हैं उनसे बात करते हैं और जो मदद हो सकता है हर संभव करने की कोशिश करते हैं। यह हमारी दिनचर्या में शामिल है। मैं ही नहीं भाई से लेकर स्वजन और बेटा भी समाज सेवा के कार्य में बराबर का हाथ बंटा रहे हैं। स्वजन का आत्मबल और संबल ही मेरी ताकत है। उनका साथ मिलता है तो उत्साह और भी दोगुना हो जाता है।

रजिस्ट्रेशन से पहले कराना होता है आरक्षित

यूनिक नंबर लेने के लिए कार की खरीदी के साथ ही नंबर आरक्षित कराना पड़ता है। हालांकि इसके लिए धनराशि भी अधिक देनी पड़ती है। शौक और समाज सेवा के आगे यह कुछ भी नहीं है।

पत्नी के लिए खरीदी मर्सिडीज

प्रवीण बताते हैं कि हाल ही में पत्नी कल्पना को गिफ्ट देने के लिए काले रंग की मर्सिडीज खरीदी है। मर्सिडीज का नंबर भी 6006 है। पत्नी को मर्सिडीज का रंग और नंबर दोनों बेहद पंसद आया है। अभी बेटा दिव्यांश नई कार का आनंद उठा रहा है।

Posted By: Abrak Akrosh

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