बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिनव प्रयोग किया है। किसानों को समय-समय पर खेती किसानी का सलाह देने के लिए कृषक मित्रों की नियुक्ति की है। कृषक मित्र किसानों को समय-समय पर सलाह देते हैं कि कब कौन सी दवा और कब कौन सी खाद का छिड़काव करना है इसकी जानकारी दे रहे हैं। कृषक मित्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी व कृषि विज्ञानियों के संपर्क में रहते हैं। किसानों को सलाह देने के एवज में राज्य शासन द्वारा इन्हें प्रति महीने 1500 रुपये मानदेय दिया जाता है। एक ग्राम पंचायत में एक कृषक मित्र की नियुक्ति की गई है।
नवाचार का लाभ
कृषि कार्य में किसानों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े और मौसम के आधार पर फसल में कब कौन सी खाद का उपयोग करें और क्या न करें। इसे लेकर राज्य शासन ने प्रदेशभर में कृषक मित्रों की नियुक्ति की है। राज्य शासन के इस नवाचार का लाभ किसानों को मिल रहा है। खेती किसानी से जुड़े युवा किसानों को कृषक मित्र बनाया गया है। ये ऐसे किसान हैं जो कृषि कार्य की बारीकियों से अच्छी तरह परिचित हैं और कामकाज को बेहतर तरीके जानते हैं।
कृषि मित्र रबी और खरीफ फसल के दौरान न केवल किसानों के सतत संपर्क में रहते हैं वरन मौसम के अनुसार कृषि कार्य के लिए लगातार सलाह भी देते रहते हैं। इससे किसानों को राहत भी मिल रही है। कृषक मित्रों का ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के साथ सामंजस्य भी बना हुआ है। शासन की योजनाओं की जानकारी भी इनके जरिए किसानों तक पहुंचा रहे हैं। उन योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं जिसके जरिए किसान लाभान्वित हो सकते हैं। कृषि कार्य के लिए मिलने वाले अनुदान के अलावा प्रमाणित बीज के जरिए खेती की सलाह भी इनके द्वारा दिया जा रहा है।
जिन किसानों के पास एंड्रायड फोन उनको दे रहे ये सलाह
कृषक मित्र और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एंड्रायड मोबाइल फोन वाले किसानों को दामिनी एप अपलोड करने की सलाह भी दे रहे हैं। दामिनी एप के जरिए बिजली व बारिश की संभावनाओं की सही सूचना दी जाती है। इसके जरिए दुर्घटनाओं से बचा सकता है। मौसम का पूर्वानुमान भी इस एप के जरिए मिलते रहता है।
वाट्सएप ग्रुप के जरिए देते हैं सलाह
ग्रामीण कृषि विस्तार और कृषक मित्र द्वारा वाट्सएप ग्रुप भी बनाया है। इसमें किसानों को जोड़ा गया है। समय-समय पर किसानों को इस ग्रुप के जरिए कृषि कार्य की सलाह देने के अलावा राज्य व केंद्र शासन की योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है। वाट्सएप ग्रुप के जरिए ये निरंतर किसानों के संपर्क में रहते हैं।
Posted By: Manoj Kumar Tiwari
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