Bilaspur Railway News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। स्टेशन में पार्सल लेकर ट्रेन में लोड करने जा रहे हाथ ठेले का पहिया पाथ-वे से उतर गया। उसी समय जनशताब्दी एक्सप्रेस आ गई। श्रमिक ने भागकर जान बचाई। लेकिन ठेला जनशताब्दी एक्सप्रेस के इंजन की चपेट में आ गया। ट्रेन की गति धीमी होने के कारण बड़ी घटना नहीं हुई। इसके बाद आनन-फानन में इंजन में फंसे ठेले को निकाला गया। मामले में हमाल के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है।
टकारने की आवाज से सकते में आए रेल कर्मी
घटना बुधवार की रात 9:20 बजे की है। गोंदिया से रायगढ़ जा रही जनशताब्दी एक्सप्रेस जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म एक से रवाना हुई। स्टेशन से रवाना होने के कारण गति धीमी थी। अभी इंजन व कुछ बोगी प्लेटफार्म से निकले थे कि अचानक जोर से आवाज आई और ट्रेन खड़ी हो गई। उस समय तक किसी को समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है। स्टेशन मास्टर व अन्य कर्मचारी भागते हुए इंजन की तरफ पहुंचे। वहां का नजारा देखकर माजरा समझ आ गया कि कोई दुर्घटना हुई है। दरअसल इस ट्रेन के इंजन में हाथ ठेला फंसा हुआ था और उसमें लोड पार्सल इधर-उधर बिखरे पड़े थे।
हमाल ने दी जानकारी- कैसे हुआ हादसा
ठेले से किनारे एक हमाल सहमा बैठा था। उसने ही पूरी घटना को स्पष्ट किया। वह ठेले में पार्सल लेकर हावड़ा एंड से आगे पाथ-वे से दूसरे प्लेटफार्म जा रहा था। जल्दबाजी में ठेले का पहिया पाथ-वे से नीचे उतर गया था और ठेला लाइन के किनारे आ गया। उसी समय ट्रेन आ गई। चालक ने अपातकालीन ब्रेक लगाया। इसके बाद भी ट्रेन का इंजन ठेले जा टकरा गया। इससे ठेला फंस गया। आरपीएफ के उप निरीक्षक मनीष कुमार मातहत बल सदस्य के साथ पहुंचे और उस ठेला चालक को पकड़ लिया।
लीज होल्डर के लिए कहता है काम
ठेला चालक का नाम राजकुमार यादव(32) निवासी गणेश नगर नयापारा है। वह लीज होल्डर इमरान के लिए हमाली करता है। हमाल ने बताया कि ठेले से पार्सल को ट्रेन नंबर 22647 में लोड करने के लिए जा रहा था। ठेले में 25 बोरी सामान था। प्रथम दृष्टया हमाल राजकुमार यादव की गलती होने पर उसके खिलाफ आरपीएफ रेलवे अधिनियम की धारा 154 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
20 मिनट तक खड़ी रही ट्रेन
घटना की वजह से ट्रेन के पहिए थम गए थे। कैरेज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों ने तत्काल ठेले को इंजन से बाहर निकाला। लाइन क्लीयर मिलने के बाद ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया। हालांकि कुछ यात्री इस घटना को देखकर भयभीत हो गए। वह यही सोचते रहे थे कि यदि ट्रेन अधिक गति में होती तो बेपटरी भी हो सकती थी। हमाल की जान भी जा सकती थी।
Posted By: Abrak Akrosh
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