Bilaspur Railway News: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। एप से मिली गलत जानकारी के कारण अमरकंटक एक्सप्रेस के यात्रियों काफी दिक्कत हुई। एप में ट्रेन का स्टापेज बिलासपुर की जगह उसलापुर रेलवे स्टेशन दिखा रहा था। इस पर बड़ी संख्या में यात्री वहां पहुंच गए। स्टेशन पहुंचने के बाद उन्हें सही जानकारी मिली तो उनकी चिंता बढ़ गई। दरअसल यह ट्रेन अभी उसलापुर में नहीं रुकती। लिहाजा, यात्रियों ने स्टेशन मास्टर को दिक्कत बताई और ट्रेन रोकने की मांग की। लेकिन, स्टेशन मास्टर ने मना कर दिया। इस पर यात्री हंगामा करने लगे। स्थिति बिगड़ने के बाद अधिकारियों से चर्चा की और बाद में ट्रेन को दो मिनट के लिए रोकना पड़ा।
वेयर इज माय ट्रेन एप ने दी जगह जानकारी
गलत जानकारी वेयर इज माय ट्रेन एप में दी गई। अधिकांश यात्री इसी एप का उपयोग कर ट्रेन के आगमन व प्रस्थान की जानकारी लेते हैं। गुरुवार को इस ट्रेन से यात्रा करने के लिए बड़ी संख्या में यात्री बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसी बीच कई यात्री अपने मोबाइल पर इसी एप से ट्रेन की जानकारी ले रहे थे। तभी यह दिखाया कि यह ट्रेन बिलासपुर नहीं आएगी। इसके बजाय ट्रेन उसलापुर स्टेशन में ठहरेगी। इससे यात्री हड़बड़ा गए। कहीं ट्रेन न छूट जाए यही सोचकर यात्री अलग-अलग साधन से उसलापुर रेलवे स्टेशन पहुंचने लगे।
एक मई से लागू हो रही नई व्यवस्था
स्टेशन पहुंचने के बाद कुछ यात्री अमरकंटक एक्सप्रेस ट्रेन के पहुंचने की जानकारी लेने लगे तब उन्हें बताया गया कि ट्रेन इस स्टेशन में नहीं रुकती। नई व्यवस्था के तहत एक मई से ट्रेन का स्टापेज बिलासपुर में बंद किया जा रहा है। अभी व्यवस्था यथावत रहेगी। इस पर यात्री भड़क गए और एप में दी जा रही जानकारी का हवाला दिया। इस पर यात्रियों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उनके विरोध के चलते ही ट्रेन को रेलवे को दो मिनट के लिए उसलापुर स्टेशन में रोकना पड़ा। ट्रेन रात 9:20 बजे बिलासपुर स्टेशन में खड़ी थी।
आधिकारिक एप नहीं है
परेशानी को देखते हुए स्टापेज नहीं होने के बावजूद अमरकंटक एक्सप्रेस को रोककर यात्रियों को राहत दी गई। इसके बाद ही यात्रियों का गुस्सा शांत हुआ। इधर, रेलवे के अफसरों का कहना है कि वेयर इज माय ट्रेन रेलवे का अधिकारिक एप नहीं है। लेकिन, जब पता चला कि यात्रियों भ्रमित हो गए हैं और उसलापुर पहुंचकर ट्रेन आने का इंतजार कर रहे हैं तो उनकी सुविधा के लिए ट्रेन का दो मिनट स्टापेज दिया गया, ताकि यात्री सफर से वंचित न हो जाए।
Posted By: Abrak Akrosh
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