बिलासपुर। शहर का बर्जेस कन्या स्कूल 138 साल पुराना है। इस स्कूल का संचालन 1885 में इंग्लैंड में रहने वाली समाज सेविका मैथी बर्जेस के निर्देश में शुरू किया गया था। इस स्कूल ने बिलासपुर व आसपास के क्षेत्र में कन्या शिक्षा का अलख जगाया था, उस दौर के रुढ़ीवादी परंपराओं के बाद भी लड़कियों का शिक्षा ग्रहण करने का रास्ता खूला था। वही अब 138 साल बाद भी यह स्कूल शिक्षा का अलख जगाने का काम निरंतर करते आ रहा है। अपने 138 साल के इतिहास में इस स्कूल ने लाखों लड़कियों को शिक्षित बनाने का कार्य किया है और इस स्कूल की सेवा अनवरत जारी है।

भारत के गुलामी के दौर में पूरा क्षेत्र बहुत पिछड़ा हुआ था, उस साक्षरता न के बराबर थी, पढ़ाई आदि पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था, उच्च घराने के लोग ही शिक्षा ग्रहण करते थे, जिनकी संख्या भी बहुत कम हुआ करती थी। उसी दौरान इंग्लैंड की एक समाज सेविका मैथी बर्जेस हुआ करती थी, जो शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली रही। उन्होंने ही इस क्षेत्र में बालिका शिक्षा के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया। तब मैथी बर्जेस ने 1885 में बर्जेस कन्या स्कूल का संचालन करवाया। उस समय एक छोटे से भवन में स्कूल संचालित हुआ।

37 साल के बाद 1920 में स्कूल के विस्तार की आवश्यकता महसूस की गई। तब 1920 में भवन निर्माण शुरू किया गया और 1922 में यह भवन बनकर तैयार हुआ और इसके बाद क्षेत्र में कन्या शिक्षा को और भी बढ़ावा मिलने लगा। वही अब यह स्कूल 138 साल से संचालित हो रहा है। अब यह स्कूल जिले के सबसे पुराने स्कूल की सूची में चुका है और लगातार बालिका शिक्षा को बढ़ाते हुए जिले का साक्षरता का प्रतिशत लगातार बढ़ाने का काम कर रहा है।बाक्स्

एक लाख चार हजार में तैयार हुआ था स्कूल भवन

स्कूल का भवन बड़ा ही भव्य बना है, इस भवन में अंग्रेजकालीन वास्तुकला देखने को भी मिलती है। गेरूवा रंग में रंगा यह भवन देखने में सुंदर और भव्य नजर आता है। 1920 से 1922 तक तीन साल में बने इस भवन के निर्माण में एक लाख चार रुपये का खर्च आया था, यह स्कूल भवन इतना मजबूत है कि आज भी पूरी मजबूती से टीका हुआ है। जिस पर कोई बड़ी मरम्मत की आवश्यकता आज तक नहीं पड़ी है।

कभी भी नहीं आई मैथी बर्जेस

इस स्कूल का नींव रखने वाली मैथी बर्जेस कभी भी बिलासपुर नहीं आई। उसने अपने मित्रों व जानकारों से मिली जानकारी के अनुसार ही इस स्कूल को बनाने का बीड़ा उठाया और उसके समाज सेवा के काम को आगे बढ़ाने वालें लोगों ने पूरी ईमानदारी से स्कूल का निर्माण करवाया और इसका संचालन करते आए, जो अब तक चल रहा है।

हैरीटेज भवन में हो चुका है शामिल

प्रशासन स्तर पर बर्जेस स्कूल के भवन को हैरीटेज भवन भी घोषित कर दिया गया है। शहर के पुराने भवन में से एक है। स्कूल भवन का अवलोकन करने में ही पुराने दिनों की याद ताजा हो जाती है। वही अब इस उचित रखरखाव भी किया जा रहा है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

छत्तीसगढ़
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