बिलासपुर। Bilaspur News: सूरजपुर में बाल भिक्षा वृत्ति, अपशिष्ट संग्राहक व बाल श्रम रोकने के लिए अभियान चलाया गया। इस दौरान व्यापारियों को भी समझइश दी गई कि अपने प्रतिष्ठान में किसी भी बाल श्रमिक को काम पर न रखें। यह अपराध है।
कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशानुसार एवं पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिसोदिया के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई, श्रम विभाग, पुलिस एवं चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम द्वारा सूरजपुर, बिश्रामपुर, भैयाथान, रामानुजनगर, जरही, भटगांव, प्रतापपुर, नयनपुर, ओड़गी, भैसामुंडा में बाल भिक्षावृत्ति, अपशिष्ट संग्राहक एवं बालश्रमिक चिन्हांकन के लिए अभियान चलाया गया।
अभियान के दौरान विभिन्न संस्थान, कारखाना, दुकान, होटल, ढाबा, पान दुकानों में टीम द्वारा समझाइश दी गई। जहां पर बाल श्रमिक कार्यरत मिले उन्हें बाल कल्याण समिति सूरजपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिले में अभियान के दौरान कोई भी भिक्षावृत्ति करता बालक नहीं मिला। कारखाना, दुकानों, होटलों, ढाबों में 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों को इस प्रकार के काम में नहीं लगाने समझाइश दी गई। यदि उसके बावजूद यदि बाल श्रमिक रखा जाता है तो उसे श्रम विभाग उपबंधो के अलावा किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत भी कार्रवाई की जाएगी। यदि भिक्षावृत्ति करते कोई बालक पाया जाता है तो उसके या भीख मांगने वाले के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 76 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए पांच वर्ष की सजा एवं एक से पांच लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इस अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी प्रियंका सिंह, अखिलेश सिंह, परामर्शदाता जैनेन्द्र दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, आउटरिच वर्कर हरगोविन्द चक्रधारी, पवन धीवर, अनिता पैकरा, डोलामणि मांझी, डीलेन्द्र चौधरी, रमेश साहू, अंकित सिंह राठौर, विवेक गुप्ता, ललित दुबे, चाइल्ड लाइन से जनार्दन यादव, शीतल सिंह, अनवरी खातुन, राधा यादव, गोविंदा साहू, प्रधान आरक्षक सुशील तिवारी, आरक्षक कमलेश मानिकपुरी, नीलकुसुम बेक, मिथलेश गुप्ता, थाना चंदौरा से थाना प्रभारी बाजी लाल सिंह, थाना बिश्रामपुर से संजय सिंह, हरविन्द सिंह, महासागर तिर्की, थाना सूरजपुर से धनंजय सिंह, जानकुंवर सिंह, प्रमिना सिंह, थाना भटगांव से कमलेश सिंह, गिरजाशंकर, थाना रामानुजनगर से रामसागर साहू, सलिता साहू उपस्थित थे।
18 वर्ष से कम को नशे का सामान बेचने पर सजा
पान दुकानों में दुकानदारों को बताया गया कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यदि कोई भी नशा का सामान देता है, बेचता है, बेचवाता है, या उसमें लगाता है तो उसे तीन साल तक की सजा और एक लाख जुर्माना की सजा हो सकती है, अब इसकी सजा सात वर्ष तक हो गई है। सभी को बताया गया कि इस प्रकार यदि कोई बालक भिक्षावृत्ति, अपशिष्ट संग्राहक, कचरा उठाने वाला या बाल श्रमिक मिले तो 1098 (चाइल्ड हेल्प लाइन) पर फोन करके इसकी सूचना दें।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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