CG Budget 2023: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बुधवार को पेश बजट की बिलासपुर के कांग्रेस नेताओं ने आलोचना की। उनका कहना था कि केंद्र सरकार ने विकास के बजाय चुनाव को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।
बजट निराशाजनक
चुनावी वादे की तरह ही बजट में वादे किए गए हैं। लघु, मध्यम और व्यापारियों के लिए कोई ठोस योजना दिखाई नहीं दे रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर कोई गंभीर बातें दिख नहीं रही हैं। मध्यम वर्गीय और वेतन कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिली। टैक्स में छूट में भी केवल आंकड़ेबाजी की गई है। महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक को बचत में छूट देने की बात कही गई है, लेकिन इस महंगाई में बचत कैसे होगी, यह बताया नहीं गया है। निराशाजनक बजट है।
अटल श्रीवास्तव-अध्यक्ष, छग पर्यटन मंडल
सभी वर्गों को छला गया
बजट में महंगाई कैसे कम होगी, इस पर बात नहीं की गई है। किसान, बेरोजगार और मध्यम वर्गीय लोग अपने आपको छला हुआ महसूस कर रहे हैं। स्टार्ट की बात करके बेरोजगार को छला गया है। आंकड़ों की कलाबाजी की गई है। बजट के भाषण में पूरी तरह से आंकड़ों की जादूगरी और जुमलेबाजी की गई।
अभय नारायण राय-उपाध्यक्ष अरपा बेसिन
रेलवे जोन को कोई सुविधा नहीं मिली
बिलासपुर रेलवे जोन के नागरिकों को बजट से बहुत उम्मीदें थीं। बंद स्टापेज चालू किए जाएंगे, ऐसी उम्मीद थी। रेलवे में मिलने वाली वरिष्ठ नागरिकों को छूट जारी रहेगी, ऐसी उम्मीद थी। सर्वाधिक आय देने वाले जोन में यात्री सुविधाएं बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन सभी लोगों को निराशा हाथ लगी। महंगाई, बेरोजगारी, किसान सभी वर्ग निराश हुए।
रामशरण यादव-महापौर
सहकारिता क्षेत्र एवं किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं किया गया
बजट से किसानों व सहकारिता क्षेत्र की उम्मीदों को गहरा आघात पहुंचा है। किसानों के लिए की गई घोषणा केवल कागजी है। समर्थन मूल्य पर पूरे देश में कैसे खरीदी होगी, किसानों की आय कैसे दुगुनी होगी, इस पर कोई बात नहीं की गई है। आर्थिक विकास और किसानों का विकास की बात छत्तीसगढ़ सरकार से वित्त मंत्री को सिखना चाहिए था।
प्रमोद नायक-अध्यक्ष, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर
लोक लुभावन वादों का बजट
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कोई ठोस योजना बजट में दिखाई नहीं दी। मनरेगा के बजट में कोई वृद्धि नहीं की गई। किसानों के लिए बाजार कैसे उपलब्ध होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार कैसे बढ़ेगा, इसकी भी चिंता नहीं की गई। लोभ लुभावन वादों का बजट है।
अस्र्ण सिंह चौहान-अध्यक्ष,जिला पंचायत बिलासपुर
गरीबों को और गरीब बनाने वाला बजट
अमीरों को अमीर और गरीबों को गरीब बनाने वाला बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दुगुनी हो जाएगी जो हुई नहीं। बजट में किसानों को लेकर कोई विशेष घोषणा नहीं की गई है। किसानों को उन्न्त बीज, सस्ती खाद, सस्ती बिजली, मोटर पंप सस्ते में कैसे उपलब्ध हो इस पर कोई चर्चा नहीं है। किसानों के खेती लागत मूल्य कम कैसे की जाए,उत्पादन का उचित समर्थन मूल्य का भी कोई प्रविधान नहीं किया गया है।
अर्जुन तिवारी-प्रदेश महामंत्री,पीसीसी छग
रेलवे के निजीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश
केंद्र सरकार का बजट ठीक उसी प्रकार है जैसा कि छत्तीसगढ़ में एक वंदे भारत ट्रेन चलाकर ढाई वर्षो से अधिकांश पैसेंजर ,एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है। छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टापेज खत्म कर दिए गए। टिकट की कीतम बढ़ी हुई, जनता परेशान हंै और पीएम नरेंद्र मोदी वंदे भारत के सम्मान में कसीदे पढ़ रहे हैं। मतलब साफ है कि बजट जनता को बताने के लिए है और लाभ अपने उद्योगपति मित्रों को देना है। अधिकांश पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनें बंद हंै फिर इतना भारी भरकम बजट क्यों रखा गया है। ऐसा लगता है रेलवे के निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए रेल बजट में 2.40 लाख करोड़ का प्रविधान रखा गया है।
विजय पांडेय, अध्यक्ष, शहर कांग्रेस कमेटी
Posted By: Abrak Akrosh