बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।CG High Court News: जगदलपुर रावघाट रेलवे लाइन भूमि अधिग्रहण घोटाले में फंसे दो भूमि स्वामियों की याचिका को हाई कोर्ट की युगलपीठ ने खारिज कर दी है। कोर्ट की एकलपीठ के फैसले को सही ठहराया है। जगदलपुर से रावघाट के बीच 140 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने के लिए बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2018-19 से भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है।
रेलवे लाइन के लिए बस्तर, कोंडागांव व नारायणपुर तीनो जिलों में रेलवे लाइन के लिए कंपनी को जमीन का अधिग्रहण करनी है। बस्तर जिले में अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली गई है। कोंडागांव व नारायणपुर जिले में अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जगदलपुर तहसील में जमीन अधिग्रहण के दौरान दो भूमि स्वामी सीवी रवि व बलि नागवंशी के स्वजन ने कंपनी के अफसरों से मिलीभगत करते हुए 175 करोड़ से अधिक की राशि भूमि अधिग्रहण के बदले हड़प ली।
भूमि अधिग्रहण में फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने पर कलेक्टर बस्तर ने जांच के निर्देश दिए थे। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने फर्जीवाड़ा करने वाले दोनों भूमि स्वामियों के खिलाफ एफआइआर के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया।
पुलिस कार्रवाई को चुनौती देते हुए सीवी रवि व बलि नागवंशी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने बस्तर कलेक्टर को फर्जीवाड़ा करने वाले दोनों भूमि स्वामियों के खिलाफ छह महीने के भीतर कार्रवाई करने व राशि की रिकवरी के निर्देश जारी किए थे।
युगलपीठ में दी थी चुनौती
एकलपीठ के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने युगलपीठ में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एके गोस्वामी व जस्टिस आरसीएस सामंत की पीठ में हुई। युगलपीठ ने एकलपीठ के फैसले को यथावत रखते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
ऐसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम
बस्तर रेलवे कंपनी ने जगदलपुर तहसील के पल्ली में रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव रखा। दोनों भूमि स्वामी की यहां जमीन है। भूमि स्वामियों ने कंपनी के अफसरों से मिलीभगत कर रेल लाइन के अलाइमेंट को बदलवा दिया। जिस जगह पर इनकी जमीन थी वहां से पटरी बिछाने व स्टेशन के लिए नक्शा प्रस्तावित कर लिए। राजस्व अफसरों से मिलजर गरस्मीन क्षेत्र की जमीन को शहरी इलाके में बता दिया। इसी के अनुसार फर्जी तरीके से डायवर्सन भी करा लिए। ऐसा कर दोनों भूमि स्वामी ने तकरीबन 175 करोड़ का घोटाला को अंजाम दिया है।
पीएम मोदी की मौजूदगी में हुआ था एमओयू
2015 को दंतेवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा थी। सभा के बाद उनकी मौजूदगी में जगदलपुर रावघाट रेल परियोजना के लिए एमओयू किया गया था। परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एनएमडीसी, सेल, इरकान व सीएमडीसी ने मिलजर बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई है।
Posted By: anil.kurrey
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