बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना संक्रमणकाल में न्यायालयीन व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिला। वर्चुअल सुनवाई का दौर प्रारंभ हुआ। यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी रहा। इसी दौर में ई-फाइलिंग भी शुरू हुई। इसके चलन को बढ़ावा देने और नई याचिकाओं को दायर करने के लिए आनलाइन सुविधा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा वकीलों और याचिकाकर्ताओं को दी जा रही है। खास बात ये कि अवकाश के दिनों में आवश्यक मामलों की सुनवाई करने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई हो रही है।

इसमें जज याचिकाकर्ता,उनके अधिवक्ता और शासन के विधि अधिकारियों का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष सुन रहे हैं और अपना फैसला सुना रहे हैं। इससे याचिकाकर्ता को राहत भी मिल रही है।

कोरोना संक्रमण के दौर में जब देश में लाकडाउन चल रहा था तब देशभर के कोर्ट में सुनवाई बंद हो गई थी। सुरक्षागत कारणों के चलते हाई कोर्ट सहित जिला व अधीनस्थ न्यायालयों को भी बंद कर दिया गया था। लंंबे समय से कोर्ट बंद होने और सुनवाई न होने के कारण जरूरतमंदों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसे देखते हुए हाई कोर्ट ने नई सुविधा प्रारंभ की।

कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में वर्चुअल सुनवाई का दौर प्रारंभ हुआ। अधिवक्ताओं के साथ ही याचिकाकर्ताओं को भी राहत मिली। अधिवक्ता अपने चेंबर या फिर जहां भी उनकी मौजूदगी रहती थी वहां से हाई कोर्ट द्वारा जारी लिंक जारी किया जाता था। लिंक के जरिए जुड़कर अपनी बात कोर्ट के सामने रखते थे।

स्थिति सामान्य होने के बाद हाई कोर्ट व जिला कोर्ट सहित अधीनस्थ न्यायालयों में भौतिक रूप से सुनवाई प्रारंभ हुई। हाई कोर्ट में अब नियमित रूप से कामकाज हो रहा है। अवकाश के दिनों में अर्जेंट हियरिंग के प्रकरणों की रात में भी हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। तब वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था की जाती है।

एनजेडीसी की भूमिका महत्वपूर्ण

देशभर के हाई कोर्ट में समय की बचत और पेपरलेस काम के लिए ई फाइलिंग की सुविधा प्रारंभ की गई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीसी) ने वकीलों की सुविधा के लिए अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 12 क्षेत्रीय भाषाओं का ब्रोशर उपलब्ध कराया। वीडियो के जरिए भी याचिका फाइल करने की जानकारी दी जा रही है।

ब्रोशर में दिए गए जानकारी के आधार पर अधिवक्ता ई फाइलिंग के जरिए याचिका दायर कर रहे हैं। याचिका दायर करने के बाद पेनड्राइव में पूरी याचिका को अपलोड कर जमा की जा रही है। एक पेन ड्राइव रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के ई फाइलिंग विभाग में, एक पेन ड्राइव महाधिवक्ता कार्यालय और एक पेन ड्राइव संबंधित पक्षकार के वकील को उपलब्ध कराया जा रहा है।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

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