Bilaspur News: बिलासपुर। नगर पंचायत नयाबारद्वार के विभाजन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य शासन,कलेक्टर जांजगीर चांपा व नगर पंचायत नयाबाराद्वार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने चार सप्ताह की मोहलत दी है। याचिकाकर्ता ग्रामीणों ने कलेक्टर द्वारा प्रविधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

नगर पंचायत नयाबाराद्वार निवासी मनहरण लाल यादव, पीताम्बर सूर्यवंशी व अन्य ग्रामीणों ने वकील वस्र्ण शमा्र के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वे सभी वार्ड क्रमांक 11 से 14 के निवासी हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि संविधान के 73 वें संशोधन और नगरपालिका अधिनियम के प्रविधानों के आधार पर राज्य शासन के द्वारा अवैध रुप से राजनीतिक उद्देश्य के लिए नगरपंचायत का अवैध विभाजन किया गया है। सभी वार्ड अब ग्रामीण क्षेत्र में बदल दिया गया है। लिहाजा नगर पंचायत नयाबाराद्वार की तरफ से मिलने वाली नागरिक सुविधाओं पर कोई अधिकार नहीं रखेंगे। ये वार्ड 1982 की अधिसूचना के पूर्व ग्राम मुक्ताराजा में सम्मिलित थे। उक्त ग्राम के नगर पंचायत के वार्ड में सम्मिलित होने के बाद से नगर पंचायत के वार्ड के रुप में ही नगरीय स्वरुप में हम सभी निवास करते आ रहे हैं। नगर पंचायत के सभी वार्ड में छत्तीसगढ नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रविधानों के अंतर्गत नागरिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थी। सक्ती जिला बनाने संबंधी वर्ष 2021 में जारी प्रारंभिक अधिसूचना में राज्य शासन ने संपूर्ण बाराद्वार को सक्ती जिला में ही रखा। परंतु नगर पंचायत बाराद्वार के वार्ड क्रमांक 11 से 14 जो पूर्व में ग्राम मुक्ताराजा का हिस्सा था को अब नगर पंचायत से अलग कर दिया गया है। याचिकाकर्ताओं और समस्त वार्डवासियों ने कलेक्टर जांजगीर चांपा के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की। कलेक्टर ने दिसंबर 2021 में बिना याचिकाकर्ताओं को सूचना दिये सभी आपत्तियों को निरस्त कर राज्य शासन को ग्राम मुक्ताराजा के क्षेत्र को नगर पंचायत में सम्मिलित करने की अनुशंसा प्रस्तुत कर दी।

राज्यपाल को है अधिकार

याचिकाकर्ताओं ने संवैधानिक पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा है कि नगरपंचायत के वार्ड के पृथक्करण और नए वार्ड के जोड़े जाने संबंधी शक्तियां संविधान के अनुच्छेद 243 और छग नगरपालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत केवल राज्यपाल के पास हैं। राज्य शासन को उपरोक्त प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष विहित प्रक्रिया के तहत प्रस्तुत करना था। प्रक्रिया को पालन किए बिना राज्य शासन ने अंतिम अधिसूचना जारी कर दी और नगर पंचायत नयाबाराद्वार के दो टुकड़े करते हुए वार्ड क्रमांक 11 से 14 के भाग को नगरीय से ग्रामीण क्षेत्र में शामिल कर दिया है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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