Chhattisgarh High Court: बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एबीईओ(सहायक जिला शिक्षाधिकारी) से बीईओ के पद पर पदोन्नति करने के लिए राज्य शासन द्वारा बनाए गए नियम को सही ठहराया है। कोर्ट ने पूर्व में पदोन्नति आदेश पर जारी स्थगन आदेश को हटा दिया है। कोर्ट शासन के फैसले को सही ठहराया है।

एबीईओ से बीईओ के पद पर पदोन्नति के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही प्रक्रिया के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसी बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 दिसंबर 2022 को एबीईओ से बीईओ की पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के बाद कई एबीईओ ने पदोन्नति व नए पदस्थापना वाले पदों पर ज्वाइन भी कर लिया। इसी बीच पदोन्नति की प्रक्रिया पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने तीन फरवरी 2023 को जारी पदोन्नति आदेश को रद कर दिया था।

शासन के इस आदेश के बाद एबीईओ से बीईओ के पद पर पदोन्नति वालों ने हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर दी थी। बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में हुई। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास ने हस्तक्षेपकर्ता एबीईओ ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 30 दिसंबर 2022 को शासन द्वारा जारी पदोन्नति आदेश को सही ठहराया है।

जारी होगी पुरानी सूची

हाई कोर्ट के फैसले के बाद इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि राज्य शासन ने 30 दिसंबर 2022 को पदोन्नति आदेश जारी किया था। इसी आदेश को दोबारा जारी किया जा सकता है। पदोन्नति के खिलाफ लगी अन्य याचिकाओं को हाई कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था।

Posted By: Abrak Akrosh

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