बिलासपुर। कोविड-19 को लेकर जारी नियमों का पालन रेलवे में केवल दफ्तर में हो रहा है। फील्ड में उतने ही कर्मचारी काम कर रहे हैं, जितने पहले आते थे। इसे लेकर कर्मचारियों में नाराजगी है। खासकर ट्रैकमेन इस व्यवस्था से नाराज हैं। उनका कहना है कि सारे सुविधाएं व लाभ कार्यालयीन कर्मचारी व अधिकारियों को मिलता है।
रेलवे बोर्ड से तीन जनवरी को एक आदेश जारी हुआ था। इसमें सभी जोन को निर्देश दिए गए हैं कि 50 प्रतिशत कर्मचारियों से काम कराना है। 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे। दरअसल यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई, ताकि कोविड-19 की सबसे महत्वपूर्ण गाइडलाइन दो गज दूरी का पालन हो सके। इसके अलावा संक्रमण से भी बचा जा सकता है।
इस आदेश के जारी होते ही कार्यालय में तो नियम लागू कर दिया गया। पर मैदानी अमले को इससे वंचित रखा गया है। ट्रैक मरम्मत से लेकर अन्य सभी फील्ड के कार्यों के लिए पूरे कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। यह कर्मचारी समूह में एक साथ काम करते नजर आ रहे हैं। इन्हें रेलवे की ओर से न मास्क उपलब्ध कराए गए हैं और सैनिटाइजर।
इसी स्थिति में कर्मचारी काम कर रहे हैं। काम के दौरान उनके मन में इस बात का डर भी रहता है कि एक भी कर्मचारी यदि संक्रमित हुआ तो अन्य सभी संक्रमण भी जद में आ जाएंगे। यार्ड हो अन्य जगह, 75 से 100 की संख्या में कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। यह सभी एक जगह नजर आते हैं। एक- दूसरे के संपर्क में भी आते हैं। मालूम हो कि पहली व दूसरी लहर में भी इसी तरह की अव्यवस्था थी। इसके चलते कई मैदानी अमला भी कोरोना की चपेट में आए थे।
Posted By: sandeep.yadav
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