बिलासपुर। माधवनगर कुर्मी बारीपारा में संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। तृतीया दिवस कथा वाचक पं. रामगोपाल तिवारी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ व मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं। कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है। इससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भागवत पुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवत भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है। इसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न् कथाओं का सार श्रीमद् भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है।
पं. तिवारी ने कहा कि श्रीकृष्ण कि रासलीला के दर्शन करने के लिए शिवजी को गोपी का रूप धारण करना पड़ा। आज हमारे यहां भागवत रूपी रास चलता है। परंतु मनुष्य दर्शन करने को नहीं आते। वास्तव में भगवान की कथा के दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होते। कलियुग में भागवत साक्षात श्रीहरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्यों का फल प्राप्त हो जाता है। इस कथा को सुनने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा का श्रवण लाभ प्राप्त होता है। कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी मात्र का कल्याण संभव है। इस मौके पर नारायण प्रसाद पांडेय, रज्जू पांडेय, रिखीराम यादव, धनीराम निषाद, मनीष चंद्राकर, भाव सिंह, राजेश यादव आदि मौजूद रहे।
Posted By: Yogeshwar Sharma